रिश्ता कभी एक जैसा नहीं चलता है. रिश्ता में उतार चढ़ाव आते रहते हैं. जिसे साथ रहकर पति और पत्नी देखते हैं. जैसा कि हर रिश्ते में होता है, इस बंधन में भी सिर्फ प्यार ही नहीं, बल्कि छोटी-मोटी विवादें भी होती हैं. यह अलग बात है कि एक बार दिल में कड़वाहट हो जाए तो उस रिश्ते का कोई अर्थ नहीं रहता. इसीलिए कहा गया है कि अपने रिश्ते में खुशी बनाए रखने के लिए पति और पत्नी दोनों को बराबरी से प्रयास करना चाहिए. यदि एक व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी से मुड़ जाता है, तो रिश्ता टूटने की संभावना रहती है. इसलिए दोनों को मिलकर रिश्ता निभाना चाहिए. कई कई बार होता है कि जान कर भी इंसान लड़ाई करता है.



  • यह पूरी तरह से पति और पत्नी पर निर्भर करता है कि उन्हें उनके रिश्ते को कैसे चलाना है. एक ओर महिलाएं परिवार को अपनाने की कठिनाईयों का सामना करती हैं, तो दूसरी ओर कई पुरुष इन गुणों के साथ सहज हो जाते हैं, हम आपको वही आदतें बताएंगे जिनके कारण पुरुष अच्छे पति नहीं बन पा रहे हैं.

  • हर रिश्ते की मजबूती अच्छी बातचीत पर निर्भर करती है. यह निर्भर करता है कि आप एक दूसरे से कितना बातचीत करते हैं. वे एक दूसरे के शब्दों को कितना समझते हैं. लेकिन यह शादीशुदा रिश्तों में यह बहुत कम होता है. कई पत्नियाँ शिकायत करती हैं कि उनके पति उनकी बातों पर ध्यान नहीं देते. जब आपका पति आपके लिए समय नहीं निकालता, तो ये परेशान होने की ही संभावना है.

  • पति और पत्नी एक गाड़ी के दो पहिये हैं. दोनों को एक दूसरे की आवश्यकता होती है. बिना एक दूसरे के, दोनों के लिए जीना मुश्किल है. लेकिन, कई बार देखा गया है कि काम के तनाव के कारण पतियां अपनी पत्नियों पर क्रोध करते हैं या उनके साथ सही से बात नहीं करते हैं, जो बहुत गलत है.

  • जब एक पति अपनी पत्नी को छोड़कर किसी अन्य महिला से प्यार में पड़ जाता है, तो एक विवाहित संबंध कमजोर होता है आपके पति के इस प्रकार के क्रियाएं दिखाती हैं कि उनका विवाह अब ज्यादा समय तक टिका नहीं सकता है.


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