Relationship Tips : इस बात में कोई दो राय नहीं कि जगह के अनुसार न केवल बोलचाल की भाषा-कपड़े पहनने का तरीका बदल जाता है बल्कि शादी में निभाई जाने वाली रस्में भी पूरी तरह से अलग हो जाती हैं. हालांकि, शादियों का पैटर्न कैसा भी हो, लेकिन भारतीय समाज में विवाह को हमेशा ही महत्वपूर्ण माना गया है.
शादी वाले घर में एक तरफ जहां नवविवाहित जोड़े के लिए मंगल कामनाएं की जाती हैं. वहीं इस दौरान मन में ऐसे कई अंधविश्वास भी जन्म ले लेते हैं, जिनका आज के समय से कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि, हम ऐसा बिल्कुल नहीं कह रहे हैं कि शादी से जुड़ी इन बातों का कोई मोल नहीं है. लेकिन मॉडर्न जमाने में ऐसी बातों पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल लगता है.
तुम्हारी शादी जल्दी होगी
हर पंजाबी शादी में चूड़ा सेरेमनी के बाद कलीरे की रस्म होती है. इस दौरान दुल्हन अपनी चूडियों में कलीरे बांधती है, जोकि उसकी प्रिय सहेलियों या बहनों द्वारा बांधा जाता है. दुल्हन की चूडियों में जब कलीरे बांध दिए जाते हैं, तब वह अपने हाथों को अपनी अविवाहित सहेलियों या बहनों के सिर पर झटकती है. ऐसे में कलीरा जिसके सिर पर भी गिरता है, शादी का अगला नंबर उसी का होता है.
मेंहदी जितनी गहरी, उतना गहरा प्यार
अक्सर आपने शादियों में सुना होगा कि दुल्हन की मेहंदी जितनी गहरी होगी, उसका पति उसे उतना ही प्यार करेगा. हालांकि, बहुत से लोगों को ऐसा लगता है कि मेहंदी डार्क हो या लाइट या फिर मीडियम पति का प्यार हमेशा ही 100% रहना चाहिए. मेहंदी के रंग से पति-पत्नी के रिश्ते की गहराई को नहीं आंका जा सकता है.
बुझना नहीं चाहिए दीपक
शादी में आयोजित हो रहे पूजा-पाठ के कार्यक्रमों में आपने ज्यादातर लोगों को कहते हुए सुना होगा कि किसी भी कीमत पर दीपक बुझना नहीं चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि दीपक का बुझना हमेशा से ही एक नेगेटिव वाइब देता है, जिसकी वजह से ज्यादातर लोगों के मन में किसी अनहोनी का भय सताने लगता है.