भारतीय युवा आबादी के बीच कॉफी 'साथी' है या 'प्रेरक'? इसको समझने के लिए इटालियन ब्रांड लवाजा ने एक सर्वे किया. 3 हजार युवाओं पर किए गए सर्वे से कॉफी पर दिलचस्प खुलासा हुआ. करीब 50 फीसद युवाओं ने कॉफी को दिन के पहले भोजन के तौर पर इस्तेमाल करने की बात कही. 94 फीसद युवाओं ने ग्राहकों के साथ मीटिंग के दौरान या इंटरव्यू के वक्त कॉफी को प्राथमिकता दी.
भारतीय युवाओं के बीच कॉफी पर किया गया सर्वेक्षण
सर्वे से ये भी पता चला कि दोस्तों के साथ पकड़ और संबंध जोड़ने के लिए कॉफी पीकर बातचीत की शानदार शुरुआत की जा सकी. विशेषज्ञों का कहना है कि सर्वे रिपोर्ट से भले युवाओं में कॉफी के लोकप्रिय होने की वजहों का पता चलता है. लेकिन उसका ज्यादा इस्तेमाल आपको मुसीबत में डाल सकता है क्योंकि कैफीन के अपने खतरे हैं. ये एड्रिनल ग्रंथियों पर दबाव डालकर प्रजनन सिस्टम को प्रभावित कर सकता है. इससे तनाव देनेवाला हार्मोन कोर्टिसोल के उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकती है.
विशेषज्ञों ने चेताया ज्यादा सेवन से क्या होता है नुकसान?
दुबई की पोषण आहार विशेषज्ञ रषी चौधरी कहती हैं, "रोजाना एक या दो कॉफी का सेवन ठीक है. 250 मिलीग्राम कैफीन से दिल को बड़ा फायदा पहुंचता है. ये आपके ब्लड शुगर लेवल के लिए भी ठीक होता है. लेकि उससे ज्यादा का इस्तेमाल निश्चित रूप से समस्या का कारण बन सकता है." बहुत ज्यादा कैफीन के सेवन से विटामिन बी और मैग्ननिशियम लेवल भी खराब हो सकता है. उनका कहना है कि ये अहम पोषक तत्व ओवुलेशन और प्रोजेस्टेरोन उत्पादन के लिए जरूरी होता है.
आपको बता दें कि ओवुलेशन मासिक चक्र का एक हिस्सा है. जब शरीर इन घटकों को खो देता है, तो ये एस्ट्रोजन के अत्यधिक उत्पादन का कारण बन सकता है. इसकी वजह से स्तन में गांठ, भारी रक्तस्राव और पीएमएस के प्रमुख लक्षणों का खतरा रहता है. चौधरी चेताती हैं कि 'दूध और शुगर से भरपूर कॉफी का बहुत ज्यादा' पीना इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बन सकता है जो पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम वाली महिलाओं के लिए चिंता की बात है.
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