बारिश के मौसम में हम स्ट्रीट फूड से परहेज करने या बारिश में भीगने जैसी सावधानियां तो बरतते हैं, लेकिन इस दौरान अपनी आंखों को भूल जाते हैं. जबकि मॉनसून अपने साथ ह्यूमिडिटी लाता है, जो आंखों के संक्रमण का मुख्य कारण है. आंखों को लेकर यह लापरवाही बच्चों के मामले में ज्यादा खतरनाक होती है. बच्चों में वयस्कों की तुलना में कम प्रतिरक्षा होने के कारण उनमें संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है. बच्चों में आंखों में होने वाले कुछ सामान्य संक्रमणों में कंजेक्टिवायटिस, स्टाय और आंखों की एलर्जी शामिल हैं.
मुलुंड स्थित फोर्टिस अस्पताल की बाल नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. गिरिजा सुरेश कहती हैं कि हालांकि इन संक्रमणों के पीछे कई कारण हैं, जिनमें बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण जैसे सामान्य सर्दी, फ्लू या यहां तक कि आंखों को बार-बार रगड़ना भी शामिल हैं. इसे लेकर अभिभावकों को खासा सावधानी बरतनी चाहिए और बच्चों को समझाने की कोशिश भी करनी चाहिए.
नियमित तौर पर आंखों की जांच कराएं
बच्चों में आंखों के संक्रमण को रोकने का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि उनकी हर साल नियमित तौर पर स्थानीय नेत्र विशेषज्ञ से जांच करवाएं. इससे न केवल आंख में किसी भी प्रकार की असामान्यता का पता लगाने में मदद मिलती है, बल्कि भविष्य में बच्चों को आंखों की परेशानी से बचाती है.
बाहरी तत्वों से सुरक्षा
कंजेक्टिवायटिस जैसे संचार वाले संक्रमण एक बच्चे से दूसरे में फैलते हैं. इसे लेकर सतर्क रहें और बच्चों को स्वच्छता का पालन करना सिखाएं. सार्वजनिक स्थानों, पार्क आदि से खेलकर लौटने पर उनके हाथ-मुंह साफ कराएं.
बार-बार हाथ धुलाना
बच्चे अनजाने में कई तरह की चीजों को छूते हैं और फिर अपने चेहरे को छूते हैं. इससे भी आंखों में संक्रमण होता है. लिहाजा माता-पिता अपने बच्चों को बार-बार हाथ धोना सिखाएं.
उचित उपचार
सबसे जरूरी चीज यह है कि कोई भी समस्या होने पर विशेषज्ञ से सही उपचार कराएं. एंटीबायोटिक और ल्युब्रिकेंट वाले आई ड्रॉप उपचार में खासा मददगार हैं.
नजर आए ये लक्षण तो हो सकता है आंखों का इंफेक्शन
जब आंख के सफेद हिस्से में या पलकों के अंदर अगर लालपन नजर आने लगे तो आपका बच्चा वायरल नेत्र संक्रमण से पीड़ित हो सकता है. ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं. आंखों के ऊपरी भाग व पलकों में सूजन एक वायरल संक्रमण का संकेत हो सकता है. यदि आपके बच्चे की पलकें एक दूसरे से चिपक जाती हैं, तो यह बैक्टीरियल संक्रमण हो सकता है. ऐसी स्थिति में बच्चे को परेशानी हो सकती है. पानी भरी आंखें भी एक वायरल संक्रमण का संकेत हो सकता है.
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