शारीरिक बनावट से असंतुष्ट रहनेवाले किशोरों को व्यस्क होने पर बढ़ जाता है डिप्रेशन का ज्यादा खतरा- रिसर्च
शारीरिक असंतोष दुनिया भर में 61 फीसद किशोर को प्रभावित करता है.लड़कों में डिप्रेशन की आशंका लड़कियों से ज्यादा होने का खुलासा हुआ.
अपनी शारीरिक बनावट से नाखुश रहनेवाले किशोरों में वयस्क होने के बाद डिप्रेशन का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. चौंकानेवाला खुलासा अपनी तरह का पहला है. जर्नल ऑफ एपीडेमोलोजी एंड कम्यूनिटी हेल्थ के रिसर्च को ऑनलाइन प्रकाशित किया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि शारीरिक ढांचे से नाखुश व्यस्कों में डिप्रेशन का खतरा 50-285 फीसदी तक बढ़ सकता है. खासकर लड़कों में डिप्रेशन की आशंका लड़कियों से ज्यादा होती है.
शारीरिक बनावट से नाखुश रहनेवालों को डिप्रेशन का ज्यादा खतरा
शारीरिक असंतोष दुनिया भर में 61 फीसद किशोर को प्रभावित करता है. असंतोष को खाने का विकार, सेहत के लिए नुकसानदेह रवैया और खराब मानसिक स्वास्थ्य का जोखिम भी माना गया है. शोधकर्ताओं ने आबादी के आधार पर लंबे समय तक होनेवाली ट्रैकिंग शोध के डेटा का अध्ययन किया. उसमें ऐसे 4 हजार प्रतिभागी थे जिनका जन्म ब्रिटेन के सोमरसेट में 1991-1992 के बीच हुआ था. जब ये बच्ते 14 साल के हुए तो 3 हजार 753 से अपना शरीर यानी उम्र, बनावट, वजन, फिगर समेत छाती, कमर, जांघ, पांव, चेहरा और बाल को मद्देनजर रखते हुए 0-5 के बीच स्कोर देने को कहा गया. प्रतिभागियों में 1675 लड़के और 2078 लड़कियां शामिल थीं.
लड़कों में डिप्रेशन की आशंका लड़कियों से ज्यादा होने का खुलासा
उन्होंने अपने शारीरिक बनावट पर अप्रसन्नता जताई. मगर लड़कों के मुकाबले लड़कियों ने ज्यादा असंतोष जाहिर किया. शोधकर्ताओं ने बताया लगभग हर 3 में से एक लड़की (32 फीसद) और हर 7 में से एक लड़का (14 फीसद) अपने वजन पर असंतुष्ट दिखा. इसी तरह, 27 फीसद लड़कों और 14 फीसद लड़कियों ने अपनी बनावट पर नाखुशी जताई. 18 साल के होने पर शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के डिप्रेशन लेवल का परीक्षण किया. उन्होंने खुलासा किया कि इस दौरान लड़कियों को डिप्रेशन का अनुभव लड़कों के मुकाबले ज्यादा हुआ.
20 फीसद लड़कों के मुकाबले 10 फीसद लड़कियों ने डिप्रेशन के कम से कम एक लक्षण को बताया. लगभग 7 फीसद लड़कियों और लगभग 3 फीसद लड़कों में डिप्रेशन का गंभीर लक्षण देखा गया जबकि डेढ़ फीसद लड़कियों और एक फीसद से भी कम लड़कों को डिप्रेशन का सामना करना पड़ा. रिपोर्ट के मुताबिक, 14 साल की उम्र में बनावट से अप्रसन्न लड़कियों में 18 साल की उम्र होने पर मामूली डिप्रेशन का खतरा 63 फीसद, मध्यम डिप्रेशन 67 फीसद और गंभीर डिप्रेशन का खतरा 84 फीसद तक बढ़ा हुआ पाया गया. इसके विपरीत, लड़कों में मामूली डिप्रेशन का 50 फीसद और गंभीर डिप्रेशन का खतरा 285 फीसद तक बढ़ गया.
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