नई दिल्ली: क्रिसमस के खास पर्व पर पेड़ों को सजाने की सैकड़ों साल पुरानी परंपरा रही है. क्रिसमस-ट्री का ईसाइ धर्म से जुड़े लोगों का काफी जुड़ाव है क्योंकि इसे प्रभु की ओर से मिले आशीर्वाद के तौर पर देखा जाता है. इसके साथ ही ये भी देखा गया है कि इसे घर में लगाने से बच्चों की आयु लंबी होती है. वहीं, हजारों साल पहले यूरोप में इसकी शुरुआत हुई थी. जब क्रिसमस के मौके पर ट्री को सजाया गया था.
क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा जर्मनी से शुरू हुई थी. फिर इसके बाद यह परंपरा 19वीं सदी में इंग्लैंड पहुंची. इसके साथ खास अवसर पर खाने की चीजों को पकाने का भी रिवाज़ है. इसमें केक जैसी चीजें शामिल हैं.
ट्री का संबंध प्रभु यीशु मसीह से है
क्रिसमस ट्री का संबंध सीधा प्रभु यीशु मसीह से है. जब उनका जन्म हुआ तब उनके मां-पिता मरियम और जोसेफ को बधाई देने वालों में देवदूत भी शामिल थे. उन्होंने यीशु को सितारों से चमकते हुए फर को भेंट किया था. इसके बाद ही क्रिसमस फर को पेड़ को क्रिसमस ट्री के रूप में मान्यता मिली है.
वहीं, इस त्योहार पर लोग अपने-अपने घरों में स्टार्स, केक, पेस्ट्री और कई तरह के पकवान बनाते हैं.
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