एंप्लाइज के रिटेंशन और रिक्रूटमेंट पर हेल्थ और वेलनेस प्रोग्राम का कितना असर पड़ता है?
एक स्वस्थ कर्मचारी ही कंपनी की ग्रोथ में अपनी अहम भूमिका अदा कर सकता है. जिसे लेकर कंपनियां की ओर से हेल्थ वेलनेस प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं.
एक कंपनी को अपने एंप्लाई...और एक एंप्लाई को अपनी कंपनी से क्या चाहिए? यूं तो इस सवाल के कई जवाब हो सकते हैं लेकिन जब एक सर्वे के आधार पर इसका उत्तर देना हो तो कुछ इस तरह होगा. ये सर्वे फोर्ब्स में छपा था, जिसमें बताया गया कि क्या चीजें एंप्लाई और कंपनी को एक दूसरे से जोड़े रखती हैं.
- 87 प्रतिशत कर्मचारी इस बात को आधार बनाकर कंपनी या कोई संस्थान चुनते हैं कि वहां उनके लिए हेल्थ या वेलनेस प्रोग्राम चलाया जाता है कि नहीं.
- 67 प्रतिशत कर्मचारी अपने जॉब से इसलिए खुश होते हैं कि उनकी कंपनी उनके लिए हेल्थ और वेलनेस प्रोग्राम ऑफर करती है. उनके परिवार और उनकी हेल्थ के बारे में सोचती है.
- 58 प्रतिशत कर्मचारी जब भी कोई नई नौकरी ढूंढ रहे होते हैं, तो वो उसी कंपनी को प्राथमिकता देना चाहते हैं जहां वेलनेस प्रोग्राम को बेहद जरूरी चीज माना जाए.
- 45 प्रतिशत कर्मचारियों ने कहा, कि हां हेल्थ एंड वेलनेस प्रोग्राम उनके लिए एक बड़ी वजह है जिसके कारण वो एक ही कंपनी में लंबे समय से काम कर रहे हैं.
इस सर्वे से कुछ हद तक पहली लाइन में पूछे गए सवाल के जवाब मिल जाते हैं कि एंप्लाई के रिटेंशन और रिक्रूटमेंट पर वाकई हेल्थ और वेलनेस प्रोग्राम का बड़ा असर होता है.
सबसे इफेक्टिव वेलनेस प्रोग्राम कौन सा होता है?
किसी भी कंपनी में HR का काम होता है कि वह अपने कर्मचारियों के लिए ऐसे वेलनेस प्रोग्राम चुने, जिससे ज्यादा से ज्यादा फायदा हो. इसलिए लिस्ट में हेल्थ मैनेजमेंट और स्ट्रेस मैनेजमेंट का नाम सबसे ऊपर आता है. कोरोना के समय जब लोग परेशानियों से जूझ रहे थे तब कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए अस्पताल, दवाएं, एंबुलेंस, ऑक्सीजन जैसी व्यवस्थाएं की. एक फोन पर अपने कर्मचारियों की मदद की और ये सब वेलनेस प्रोग्राम के दायरे में आता है. इसके बाद जब वैक्सीनेशन शुरू हुआ तो एक-एक कर्मचारी तक पहुंचकर उन्हें वैक्सीनेट कराया.
इस समय अधिकतर कंपनियां जो वेलनेस प्रोग्राम अपने कर्मचारियों के लिए चलाती हैं, उनकी लिस्ट आप नीचे पढ़ सकते हैं.
- हेल्थ मैनेजमेंट
- स्ट्रेस मैनेजमेंट
- टाइम मैनेजमेंट
- मेंटल हेल्थ थेरेपी
- हेल्दी फूड/अच्छा साफ कैफेटेरिया
- फिटनेस प्रोग्राम/जिम
- क्लीन वर्कप्लेस
- सेफ्टी साइन और मशीन
- रिवॉर्ड और इन्सेन्टिव
- वर्कप्लेस फ्लेक्सिबिलिटी और रिमोट वर्क ऑप्शन
- एजुकेशनल कोर्स/ लर्निंग एक्टिविटीज
एंप्लाई रिटेंशन बढ़ाने में मदद करता है वेलनेस प्रोग्राम
ये तो तय है कि एक बार अगर कर्मचारी कंपनी के साथ जुड़कर खुशी से काम करने लगे तो कंपनी और खुद कर्मचारी के लिए ये फायदेमंद होता है. इसलिए वेलनेस प्रोग्राम एंप्लाई रिटेंशन बढ़ाने में मदद करता है.
जॉब में रहकर खुशी मिलती है. यानी जॉब सेटिस्फेक्शन होता है.
- एंप्लाई अपने काम को एंजॉय करते हैं
- कंपनी के साथ बॉन्ड मजबूत होता है
- वेलनेस प्रोग्राम से हेल्थ पर पॉजिटिव असर होता है
- स्ट्रेस और एंग्जायटी कम महसूस होती है, या नहीं भी होती
- सोशल लाइफ बेहतर होती है
- फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बनी रहती है
दोनों तरफ से होता है सहयोग
कंपनी और कर्मचारी के रिश्ते में सहयोग दोनों तरफ से होता है, जिसे मजबूत करने की जिम्मेदारी HR के कंधों पर होती है. जितने भी हेल्थ और वेलनेस प्रोग्राम कंपनी चलाती है, वह किस तरीके से कर्मचारियों तक पहुंचे और ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी, कंपनी से जुड़ाव महसूस करें ये आपस में दोनों के बॉन्ड पर निर्भर करता है. एक कंपनी के रूप में ABP नेटवर्क ये मानता है कि किसी भी कंपनी की ग्रोथ के लिए कर्मचारियों की हेल्थ और वेलनेस बेहद जरूरी है. अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.
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