'गुमशुदा' प्यार की कहानी बताने के लिए भारत में 'इंडिया लव प्रोजेक्ट' शुरू किया गया है. जाति और धर्म से बाहर शादी करनेवाले जोड़े अपनी कहानियों को प्रोजेक्ट के इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा कर सकते हैं. मुहिम की शुरुआत पत्रकार समर हलरंकर, प्रिया रमानी और निलोफर वेंकटरमन ने मिलकर की है.


समाज के टैब्बू तोड़नेवालों को मिला प्लटेफॉर्म


इंस्टाग्राम पर मुहिम शुरू करने का मकसद मान्यताओं, जाति, धर्म, नस्ल और लैंगिकता की बेड़ियों के खिलाफ जानेवालों को आवाज देना है. इंस्टाग्राम पर लोग 150-200 शब्दों में अपनी कहानी दुनिया को बता सकते हैं. 28 अक्तूबर को निलोफर वेंकेटरमण की पारसी मां बख्तावर मास्टर और हिंदू पिता एस वेंकटरमण की कहानी के साथ मुहिम की शुरुआत हुई थी.


समर हलरंकर उद्देश्य बताते हैं, "नफरत भरे माहौल में अंतरधार्मिक, अंतरजातीय प्यार और शादियों का स्वागत करने के लिए प्रोजेक्ट को बनाया है, हम प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए पिछले एक साल से सोच रहे थे और तनिष्क के विज्ञापन से पैदा हुए विवाद ने हमें मौका मुहैया कराया." उन्होंने ये भी बताया कि प्यार और अंतरधार्मिक शादियों पर फैलाए जा रहे झूठ को हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. इंडिया लव प्रोजेक्ट के माध्यम से हम लोगों को अपनी कहानी शेयर करने के लिए मंच मुहैया करा रहे हैं.


इंस्टाग्राम पर शुरू किया गया 'इंडिया लव प्रोजेक्ट'


इंस्टाग्राम अकाउंट पर अब हर दिन एक कहानी शेयर की जा रही है. पत्रकार दंपति और साथी की मुहिम को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है. आए दिन लोग अपने दादा-नाना, नानी और दादी या अपने माता-पिता की कहानी कहने की इच्छा जता रहे हैं. उनके उत्साह को देखकर लगता है कि धर्म और जात से बाहर शादी कोई नई बात नहीं है बल्कि ये शादियां बहुत पहले से होती आ रही हैं.


गौरतलब है कि भारत में जाति, धर्म से बाहर की शादी हमेशा टकराव का मुद्दा रही हैं. समाज में प्रेम और पसंद की शादी पर बहुत कम स्वीकृति देखने को मिलती है. बीजेपी के शासनकाल में प्यार के पंछी को बदनाम करने के लिए 'लव जिहाद' का एंगल जोड़ दिया गया है. ऐसे नफरत भरे माहौल में गुमशुदा प्यार की कहानी बताने के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया कराना हिम्मत की बात है.


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