लोग कहते हैं कि जो बॉस ज्यादा गुस्सा करते हैं, वो काम का माहौल खराब कर देते हैं. लेकिन हाल में आई एक रिपोर्ट ने इसे थोड़ा बदल दिया है. ये रिपोर्ट बताती है कि कभी-कभी, जब बॉस सख्त होते हैं, तो हमारे अंदर की छुपी ताकत और हुनर बाहर आ जाती है. कैसे एक सख्त बॉस के नीचे काम करना हमें और भी मजबूत बना सकता है. क्या वाकई में कड़ी मेहनत और चुनौतियां हमें बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं? तो चलिए देखते हैं इस रिपोर्ट के बारे में .


जानें रिसर्च के बारे में 
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेफरी की रिसर्च से पता चला है कि ऑफिस में कभी-कभार गुस्सा दिखाना अच्छा होता है. ये दिखाता है कि बॉस को काम की फिक्र है और इससे कर्मचारी भी चौकन्ने हो जाते हैं. सही वक्त पर थोड़ा गुस्सा दिखाने से टीम का जोश और जुनून बढ़ सकता है. ये बॉस की मजबूती और संकल्प को भी दिखाता है. अगर गुस्सा सोच-समझकर और बस थोड़ा सा दिखाया जाए, तो ये ऑफिस का माहौल को भी जागरूक और प्रतिस्पर्धी बना सकता है. 


जानें क्या कहती है रिपोर्ट 
मनोविज्ञान की दुनिया में, व्यक्तित्व के पांच मुख्य गुण माने जाते हैं, और इनमें से एक गुण है 'सहमति'. सहमति वाले लोग वे होते हैं जो दूसरों के साथ अच्छे से काम करते हैं और विनम्रता को जरूरी समझते हैं. वहीं, जो लोग जल्दी से सहमत नहीं होते, वे अक्सर आलोचनात्मक नजरिया रखते हैं और झगड़ा करने के लिए तैयार रहते हैं. 


गुस्सा से होता प्रदर्शन अच्छा 
एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय में इस विषय पर एक दिलचस्प अध्ययन किया गया. इस शोध में, सहमत और असहमत व्यक्तित्व वाले लोगों को अलग-अलग समूहों में रखा गया और उनके काम की प्रतिक्रिया दो अलग तरह से दी गई. एक प्रतिक्रिया खुशी और प्रशंसा से भरी हुई थी, जबकि दूसरी प्रतिक्रिया में गुस्सा और नाराजगी थी. अध्ययन से यह नतीजा निकला कि जब असहमत लोगों के समूह को गुस्से वाली प्रतिक्रिया मिली, तो उनका प्रदर्शन बेहतर हुआ. उन्हें लगा कि उन्हें कुछ साबित करने की जरूरत है, और इसने उन्हें और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित किया. लेकिन, सहमत लोगों के समूह पर गुस्से वाली प्रतिक्रिया का उल्टा असर हुआ. उन्हें इससे निराशा हुई और उनका प्रदर्शन कमजोर पड़ गया. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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