Mahima Shani Dev Ki: सूर्यपत्नी संध्या के तिरस्कार और माता छाया से बिछड़ने के बाद शनिदेव ने हर किसी से संबंध खत्म कर सूर्यलोक त्याग दिया. साथ ही चेताया कि उन्हें अगर कोई मनाने उनके पीछे आया तो वह उसे भस्म कर देंगे. जाते-जाते पिता सूर्यदेव ने भी उन्हें रुकने का आग्रह किया, लेकिन  शनिदेव की चेतावनी ने उन्हें कदम पीछे खींचने पर मजबूर कर दिया. मां की याद में भटकते हुए शनि जंगल, रेगिस्तान और वीरानों में घूम रहे थे, इस बीच उनका वाहन कौआ उनके पीछे  पीछे ही रहा. एक दिन अचानक सामने आए कौए ने उनसे अपने साथ रखने की प्रार्थना की तो शनि एक बार फिर गुस्से से भर उठे, लेकिन कौए की याचना पर वह उसे साथ रखने के लिए मान गए. 


काकलोक पहुंचे शनिदेव को कौए की मां ने दुलारा
कौआ शनिदेव को लेकर अपने काकलोक पहुंचा, जहां लंबे समय तक माता-पिता से दूर रहने के कारण कौए को मां-पिता की दुलार भरी फटकार मिली. मगर जब कौए ने शनिदेव को काकलोक में रखने की इच्छा जताई तो कौए के पिता भड़क उठे. इस पर कौए ने उन्हें बताया कि शनि की वजह से ही उनका पुत्र उनके सामने जिंदा खड़ा है. इस पर भावुक हुई कौए की माता ने शनि को पुत्र संबोधित कर खूब प्यार दुलार दिया और पिता भी शनि के काकलोक में रहने पर राजी हो गए. 


काकलोक में भी पहुंचे शत्रु 
एक दिन कौआ शनि को लेकर काकलोक में घूमने निकला था, इसी दौरान शनि को अहसास हुआ कि कोई उनकी निगरानी कर रहा है और समय के साथ पीछा कर रहा है. इधर, इंद्र शनि  से कर्मफलदाता और न्याय अधिकारी के पद से बेदखल करने के लिए फिर साजिश रचने में जुट गए, उन्होंने सूर्यपुत्र यम को भड़काया कि वह शनि से अपनी माता संध्या के अपमान का बदला जरूर ले. इससे सहमत यम ने आक्रोश में आकर शनि को खत्म कर देने का ऐलान कर डाला. इसके बाद काकालोक में भी शनिदेव पर हमले के लिए शत्रु पहुंचने लगे. इसके असर से काकलोक में भी हड़कंप मच गया.


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