अयोध्याः राम जन्मभूमि निर्माण कार्यशाला में तराशे गए पत्थरों को राम जन्मभूमि परिसर की अस्थाई कार्यशाला में ले जाने का सिलसिला जारी है. कार्यशाला से पत्थरों को दूसरी बार राम जन्मभूमि परिसर ले जाया गया. इस दौरान बुनियाद के ऊपर के चार पिलर को एक बड़े ट्रक में क्रेन से चढ़ाया गया और उसके बाद उसे राम जन्मभूमि परिसर ले जाया गया. कार्यशाला से तराशे गए पत्थरों को इस तरह ले जाए जा रहा है कि पहले बुनियाद के पिलर को पहले पहुंचाया जाए, जिससे जब राम मंदिर निर्माण के समय आवश्यकता पड़े तो पत्थरों को निकालने में परेशानी ना हो.


15 अक्टूबर से राम मंदिर की बुनियाद के लिए पिलर्स बनाने का काम शुरू हो जाएगा. यह पिलर्स जमीन के अंदर लगाए जाएंगे, जिसके ऊपर बुनियाद का स्ट्रक्चर खड़ा होगा. इनकी संख्या 1200 है. अभी तक 3 पिलर्स बनाए गए हैं, जिनका परीक्षण आईआईटी रुड़की और एल एंड टी के द्वारा किया जा रहा है. यह परीक्षण लगभग पूरा हो गया है और अब आगे का कार्य शुरू किया जाएगा.


बुनियाद का कार्य लगभग 2021 तक पूरा हो जाएगा और उसके बाद बुनियाद के ऊपर का ढांचा खड़ा करने का कार्य शुरू होगा. उसके पहले निर्माण कार्य में उपयोग होने वाले तराशे गए पत्थरों को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट राम जन्मभूमि परिषद के अस्थाई कार्यशाला में पहुंचा देना चाहती है, जिससे निर्माण कार्य में देरी ना हो.


एल एंड टी के एक वर्कर राहुल ने बताया कि पत्थरों को ले जाने का सिलसिला अभी शुरू हुआ है. इन पत्थरो को वहां ले जाकर पहले काउंटिंग की जाएगी कि कितने पत्थर मंदिर में लगने हैं और कितने कहां-कहां लगाए जाने हैं. इन्हें ले जाकर अस्थाई कार्यशाला में सुरक्षित रखा जाएगा और वहां इनकी मंदिर निर्माण के अनुसार काउंटिंग करके साफ सफाई की जाएगी.