वर्कआउट करने के लिए उम्र का कुछ लेना देना नहीं होता, जानिए आखिर क्यों कह रहे हैं ऐसा
जानिए कैसे 54 साल की उम्र में 2 किमी चलकर सांस फूल जाने वाली आशु जैन अब 56 साल में बिना परेशानी के कैसे 22 किमी वाॅक करने लगीं हैं. इसलिए कह रहे हैं वर्कआउट के लिए उम्र कोई सीमा नहीं होती.
आपने लोगों से अक्सर यह सुना होगा है किसी इंसान के जीवन की सबसे बड़ी पूंजी उसका स्वास्थ्य है. अंग्रेजी में भी कहते हैं 'हेल्थ इज वेल्थ.' अगर इंसान स्वस्थ रहेगा तो उसका शरीर बीमारियों से बचा रहेगा. लेकिन स्वस्थ रहने के लिए सिर्फ खान-पान ही नहीं बल्कि शारीरिक भाग दौड़ भी जरूरी है. आजकल की इस दुनिया में लोग वर्कआउट करते हैं. जिम जाते हैं, योग करते हैं. कुछ लोग प्रोफेशनली तौर पर यह सब चीज करते हैं. तो वहीं कुछ लोग सिर्फ अपनी हेल्थ के लिए वर्कआउट करते हैं. कभी कभार लोग उम्र का हवाला देकर बच निकलते हैं कि हमारी अब उम्र हो गई है हम वर्कआउट क्या ही करें. ऐसे सभी लोगों के लिए इंस्टाग्राम पर फिटनेस की मिसाल बनीं आशु जैन की कहानी बड़े काम आ सकती है. जो यह साबित करती हैं कि वर्कआउट करने के लिए उम्र नहीं देखी जाती.
फिटनेस के लिए उम्र कोई सीमा नहीं
अगर आपकी उम्र 50 के पार कर चुकी है और अब आपके अंदर भी फिटनेस बनाने की चाह नहीं रही. तो आशु जैन की कहानी जानकर आप कल ही जाकर जिम की मेंबरशिप ले लेंगे. दरअसल इंस्टाग्राम पर अपनी फिटनेस वर्कआउट के लिए काफी फेमस हैं. आशु जैन ने बात करते हुए बताया कि जब वह 54 साल की थी. तब अपने पति के साथ वेकेशन पर अपनी तस्वीरें देखकर उन्हें काफी बुरा महसूस हुआ. इसके बाद से उन्होंने खुद की फिटनेस पर काम करना शुरू कर दिया. और आशु जैन हफ्ते में तीन बार जिम जाती हैं. वह अपने इंस्टाग्राम अकाउंट @not.just.a.grandma पर लगातार अपनी फिटनेस के वीडियो शेयर करती रहतीं हैं.
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22 किलोमीटर वॉक करती हैं
आशु जैन ने बताया जब उन्होंने अपने आप को फिट करने का संकल्प लिया. तो उसके बाद उन्होंने अपनी लाइफ स्टाइल को बदलने के लिए वर्कआउट रूटिंग फॉलो करना शुरू किया. शुरुआत में जब वह वॉक करने के लिए जाती थीं. तब 2 मिनट में ही उनकी सांस फूल जाती थी. लेकिन धीरे-धीरे 8 महीनो के अंतराल के बाद वह बड़ी आसानी से 22 किलोमीटर वॉक करने लग गईं. अब आशु जैन जिम जाकर वेट भी उठाती हैं. इसके साथ ही वह व्यायाम भी करती हैं.
लोगों ने कहा हड्डियां टूट जाएंगी
उम्र के इस पड़ाव पर जब आशु जैन ने अपनी फिटनेस पर ध्यान देने का सोचा. तो इस दौरान बहुत से लोग उन्हें ऐसे मिले जिन्होंने उन्हें अजीब तरह की बातें कहीं. किसी ने उनसे कहा इस उम्र में वर्कआउट करोगी तो हड्डियां टूट जाएंगी. इसपर उन्होंने जवाब दिया वर्कआउट नहीं करूंगी तो एक भी हड्डी नहीं बचेगी. आशु जैन लोगों के लिए एक प्रेरणा है. जो भी सोचता है कि अब 50 के पार हो गए हैं. अब क्या ही फिटनेस बनाएं. उन्हें आशु जैन की कहानी जाननी चाहिए.
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