ये हैं वो 5 साइलेंट किलर बीमारियां जो शरीर में बरसों तक छिपी रह सकती हैं बिना किसी लक्षण के
कई बार कुछ बीमारियां शरीर में काफी समय से मौजूद रहती हैं, लेकिन उनके लक्षण बहुत देर में दिखाई देते हैं. ऐसी 5 बीमारियां यहां देखें ...
Silent Diseases : अक्सर कुछ बीमारियां होती हैं जो धीरे-धीरे शरीर पर प्रभाव डालती हैं, और जब तक वे गंभीर हो जाती हैं, तब तक उनका पता चल पाता है. कई बार वह बीमारियां शरीर में काफी समय से मौजूद रहती हैं, लेकिन उनके लक्षण बहुत देर में दिखाई देते हैं. ऐसी 5 बीमारियां यहां देखें जो शरीर में पहले से हो जाती हैं लेकिन इनका पता बाद में चलता है.
1. कैंसर - कई प्रकार के कैंसर शरीर में वर्षों तक बिना लक्षण के विकसित होते रहते हैं और बाद में गंभीर रूप ले लेते हैं.
2. ओस्टियोपोरोसिस: इसमें हड्डियों की मजबूती कम होती जाती है और यह धीरे-धीरे होता है. इसके लक्षण सामान्यत: तब प्रकट होते हैं जब किसी की हड्डी आसानी से टूट जाती है
3. पार्किंसन रोग : पार्किंसन रोग के लक्षण धीरे-धीरे प्रकट होते हैं, और अक्सर शुरुवाती चरण में वे हल्के होते हैं, जिससे उन्हें अनदेखा किया जा सकता है या उन्हें अन्य शारीरिक समस्याओं से जोड़ दिया जा सकता है. उदाहरण स्वरूप, शुरुवाती चरण में व्यक्ति को हल्की कंपकंपी (tremor) महसूस हो सकती है, जिसे वह उम्र बढ़ने या सामान्य थकावट के कारण महसूस हो रहे स्ट्रेस के संकेत मान सकता है.
पार्किंसन रोग एक न्यूरोलॉजिकल प्राब्लस है जो व्यक्ति के मस्तिष्क के उस भाग को प्रभावित करता है जो शारीरिक गतिविधियों और हरकतों को समन्वयित रखता है. इस विकार के बढ़ते प्रभाव के कारण, व्यक्ति को हरकतों में स्थिरता और संतुलन बनाए रखने में कठिनाइयां होती हैं. धीरे-धीरे, यह रोग हरकत में धीमापन और अनियमितता ला सकता है, जिससे रोजमर्रा की जीवनशैली में असुविधा होती है.
4. मोटर न्यूरोन रोग (Motor Neurone Disease, MND) : मोटर न्यूरोन रोग के लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे पता चलता है. शुरुवाती दौर में, इसके लक्षण अक्सर अन्य रोगों या शारीरिक समस्याओं के लक्षणों की तरह प्रतीत हो सकते हैं, जिससे यह समस्या अधिक जटिल हो जाती है. शुरुवाती लक्षण में मांसपेशियों में हल्की कमजोरी या अजीर्णता, हाथ या पैर में हलकी कंपकंपी, या बोलते समय अस्पष्टता हो सकती है. इन लक्षणों को अक्सर उम्र के बढ़ने, थकान, या अन्य सामान्य समस्याओं के कारण अनदेखा किया जा सकता है. जैसे-जैसे रोग बढ़ता है, लक्षण और भी स्पष्ट और गंभीर होते जाते हैं, जिससे यह समझना आसान हो जाता है कि कुछ गंभीर समस्या हो सकती है.
मोटर न्यूरोन रोग (Motor Neurone Disease, MND) एक ऐसी गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जिसमें न्यूरोन्स जो मांसपेशियों को संचालित करते हैं, धीरे-धीरे मर जाते हैं. जब यह मोटर न्यूरोन्स मरते हैं, तो मांसपेशियों को संकेत नहीं मिलते, जिससे वे कार्य करने में सक्षम नहीं रहते. यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन 50-60 वर्ष की आयु में सबसे अधिक देखा जाता है. इस रोग का कोई उपचार नहीं है और अधिकांश मामलों में मौत 2 से 5 वर्षों के भीतर हो जाती है. लक्षणों को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है.
5. लाइम डिजीज एक जीवाणु (bacterium Borrelia burgdorferi) के काटने से होती है जो डीयर टिक (deer tick) के काटने से फैलता है। इस बीमारी के लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति में भिन्न होते हैं, और यह अक्सर देर में पहचानी जाती है. चकत्ता जैसा होना थकान, बुखार,ठंडी , मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द आदि इसका लक्षण हैं.
इन बीमारियों के प्रारंभिक लक्षणों को पहचान कर इनका इलाज सही समय पर करवाना बेहद महत्वपूर्ण है. नियमित स्वास्थ्य जांच और सतर्कता से इन बीमारियों का शीघ्र पता लगाया जा सकता है.
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