Success Mantra: दुनिया में कामयाबी का शिखर छू चुके लोगों की मानें तो काम के प्रति समर्पण, आत्मविश्वास ही नहीं आपका नजरिया भी आपकी सफलता सुनिश्चित करता है. आइए जानते हैं सफलता के पांच ऐसे मंत्र, जिन पर अमल कर लेंगे तो आपको कामयाब होने से कोई नहीं रोक पाएगा.


स्पष्टवादी रवैया जरूरी 
दुनिया के सबसे अमीरों में शुमार वॉरेन बॉफेट कहते हैं कि लंबे समय के अनुभव के आधार पर विषय की जानकार को बेहद स्पष्ट तौर पर रखना आपकी कामयाबी का सूत्र बन सकता है. इससे न सिर्फ नजरिया साफ होगा, बल्कि किसी भी विषय पर आपकी स्वीकार्यता बढ़ेगी.


खुद के प्रति ईमानदारी जरूरी
अमेरिकी अरबपति कारोबारी और टीवी पर्सनॉलिटी मार्क क्यूबेन कहते हैं कि कारोबारी क्षेत्र में दावों के युद्ध से चलते रहते हैं. कोई खुद को कुछ मायनों में सर्वश्रेष्ठ बताता है तो कोई कुछ मायनों में, लेकिन सबसे बड़ा सच ये है कि कोई भी एक दूसरे से पूरी तरह अलग नहीं है. वे खुद को ही धोखा दे रहे होते हैं. कामयाबी का एक ही सूत्र हो सकता है, अपने काम या प्रोडक्ट के प्रति आपकी ईमानदारी. यह न सिर्फ साख बल्कि दूसरों के आप पर भरोसे का आधार है. मगर सबसे बड़ी सच्चाई है कि आपसे बेहतर आपके बिजनेस को कोई नहीं समझता.


पूरे आत्मविश्वास से डटें
मोटिवेटर और राइटर रॉबिन शर्मा बताते हैं कि मन का पूर्ण विश्वास और वह शक्ति है, जिसके जरिए आपको दूसरों के लिए मुश्किल दिखने वाले कामों को भी खुद के लिए मील का पत्थर बना लेते हें. पूर्ण आत्मविश्वास के जरिए आप अपनी योग्यता, परिश्रम, संसाधन और समय का सबसे बेहद प्रयोग कर सकते हैं. ऐसे में अपने अंदर की आग को पूर्ण आत्मविश्वास के साथ उपयोग में लाएं.


खुद कहने से पहले दूसरों को सुनिए 
राइटर और इंस्प्रेशनल स्पीकर साइमन सिनेक एक किस्से के हवाले से बताते हैं कि नेल्सन मंडेला की पूरे विश्व में एक लीडर की पहचान थी. वह एक ट्राबल सरकार की संतान थे, एक बार वह उनके साथ पंचायत के लिए गए, यहां उन्होंने दो बातों पर गौर किया, जहां सभी एक दूसरे के साथ घेरे में बैठे थे और सबसे भविष्य का फैसला करने गए उनके पिता वहां मौजूद हर व्यक्ति की बात सुनने के बाद आखिर में बोले. इस घटनाक्रम से स्पष्ट हुआ कि कोई भी राय रखने से पहले सबक सुनना जरूरी है, क्योंकि सभी की सुनने के बाद आपके पास सबसे मिली जानकारियों का खजाना मिल चुका होता है और आपकी समझ बढ़ती है. 


अपने टाइम को मैनेज रखें
अमेरिकी बिशप, लेखक और फिल्म निर्माता टीडी जैक्स बताते हैं कि अपने समय का प्रबंधन करना ही युवाओं की सफलता का पहला आधार हो सकता है, ऐसा इसलिए कि एक औसत व्यक्ति अपने व्यस्त समय का 80 फीसदी समय अनऐक्टिव कार्यों में इस्तेमाल करता है तो बाकी 20 फीसदी ही वास्तव में सक्रिय रूप से कर पाता है, लेकिन अगर इसी फार्मेूले को उलट दिया जाए और 80 फीसदी एक्टिव कामों में लग जाएं तो सफलता की हर मंजिल पाई जा सकती है.


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