गलत खान-पान की आदतें हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं. इससे कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं. ऐसी ही एक समस्या है - बढ़ा हुआ यूरिक एसिड. यूरिक एसिड एक सफेद पदार्थ है जो ख़ून और मूत्र में पाया जाता है.जब इसकी मात्रा ज़्यादा हो जाती है तो शरीर में दर्द, सूजन और बुखार आने लगता है. साथ ही मूत्र त्याग करते समय जलन महसूस होती है. शरीर में छोटे-छोटे पत्थर भी बनने लगते हैं जिससे जोड़ों में अधिक दर्द होता है. शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाने से गठिया जैसी समस्या होने लगती है इसे हाइपरयूरिसीमिया कहा जाता है.
जितना यूरिक एसिड बढ़ता है, जोड़ों का दर्द उतना ही ज्यादा बढ़ जाता है. यह इन्फ्लेमेटरी आर्थराइटिस में तब्दील हो जाता है.यूरिक एसिड जोड़ों के पास जाकर कार्टिलेज की जगह पर क्रिस्टल बना देता है. आयुर्वेद में कुछ ऐसे हर्ब्स होते हैं जो यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निकाल सकते हैं और दर्द से आराम दे सकते हैं. आइए जानते हैं उन हर्ब्स के बारे में...
मकोए
मकोए एक ऐसा पौधा है जिसपर हरे रंग के फल लगते हैं, जो पकने पर पीले या नारंगी रंग के हो जाते हैं. मकोए के फल और पत्तियों में गुण होते हैं जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हैं. जब भी शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है तो मकोए खाना चाहिए. मकोए की पत्तियों का रस निकालकर पीने से या फिर इसके फलों की सब्ज़ी खाने से बढ़े हुए यूरिक एसिड के स्तर को कम किया जा सकता है.मकोए के सेवन से शरीर के अंगों में होने वाली सूजन व गठिया जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है.
पत्थरचट्टा या पुनर्नवा
पत्थरचट्टा या पुनर्नवा एक पौधा है जो चट्टानों से निकलता है. आयुर्वेद के अनुसार इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं. पत्थरचट्टा की पत्तियों को उबालकर पानी बनाकर पीने से या फिर पत्तियों को पकाकर खाने से शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड के स्तर को कम किया जा सकता है. पत्थरचट्टा को मैजिक लीफ भी कहते हैं. ये कई प्रकार की बीमारियों से लड़ने में मदद करता है.
गोखरू
गोखरू का फल शरीर के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद होता है. इसके ताजे या 1 साल तक के पुराने फलों को इस्तेमाल किया जा सकता है. इन फलों को कुचलकर पानी में डाल दें और 1-2 दिन बाद इस पानी को पी लें.गोखरू के फलों का यह पानी शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद करता है.
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