Covid -19: अभी खत्म नहीं हुआ है कोरोना का कहर, तीसरी लहर को लेकर गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानी
दूसरी लहर (second wave) में यह देखा गया है कि कोरोना संक्रमित ज्यादातर गर्भवती महिलाएं जो अस्पताल में भर्ती होने के लिए आती थीं वह संक्रमण के लास्ट स्टेज पर थीं.
Covid 19 Third Wave: कोरोना की दूसरी लहर में जिस तरह से गर्भवती महिलाओं की स्थिति देखने को मिली ऐसी स्थिति तीसरी लहर में न बने इसको लेकर गर्भवती महिलाओं को बहुत ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. दूसरी लहर में यह देखा गया कि कोरोना संक्रमित ज्यादातर गर्भवती महिलाएं जो अस्पताल में भर्ती होने के लिए आती थीं वह संक्रमण के लास्ट स्टेज पर थीं. ज्यादातर मामलों में महिलाओं का ऑक्सीजन लेवल इतना कम होता था कि उन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ता था. वहां भी वह जल्द रिकवर नहीं कर पाती थीं.
दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल में स्त्री रोग और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. पुष्पा मिश्रा ने बताया कि दिल्ली का सबसे बड़ा कोविड अस्पताल एलएनजेपी की बात करें तो कोविड से पहले सामान्य दिनों में एलएनजेपी अस्पताल में एक साल में प्रसव के दौरान लगभग 18 से 20 महिलाओं की मृत्यु होती थी. वहीं कोविड की दूसरी लहर की बात करें तो 17 अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल तक सिर्फ 15 दिन के अंदर 100 गर्भवती महिलाओं को भर्ती किया गया था, जिसमें से 35 महिलाएं में ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम था, वे सीरियस कंडीशन में अस्पताल आई थीं जिसमें से 16 गर्भवती महिलाओं की मौत हो गई थी. यह आंकड़े सिर्फ मेरे शिफ्ट की दौरान के हैं. यह आंकड़ा हम सब के लिए डराने वाला है.
बचाव के लिए अपनाएं यह तरीके
डॉ. पुष्पा का कहना है कि इस आंकड़े को बताने के पीछे का कारण किसी तरह की सनसनी फैलाना नहीं है बल्कि वजह यह है कि तीसरी लहर को लेकर चर्चा चल रही है और लोग बेपरवाह होकर घूम रहे हैं. लोगों में डर नहीं देखने को मिल रहा है. जिस तरह गर्भवती महिलाओं की स्थिति दूसरी लहर में देखने को मिली थी वैसी ही स्थिति तीसरी लहर में न बने इसको लेकर हमें बहुत सतर्क होने की जरूरत है,वायरस अपना रूप लगातार बदल रहा है. डेल्टा वेरिएंट का कहर भारत ने देख लिया पर हमने शायद उससे सीखा कुछ नहीं. अभी भी लोग बिना मास्क के आपको भीड़ में दिख जाएंगे.
गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लेना जरूरी
डॉ. पुष्पा का कहना है कि तीसरी लहर में गर्भवती महिलाओं को और भी ज्यादा सावधानी बरतनी होगी ताकि वे संक्रमण की चपेट में न आएं क्योंकि कोरोना संक्रमित होने पर उनकी प्रेग्नेंसी पर असर देखने को मिलता है. इसके साथ ही प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, इसलिए उन्हें कोई भी इंफेक्शन या फ्लू आसानी से हो सकता है इसलिए गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर कम निकलना चाहिए. जो लोग घर से बाहर जा रहे हैं उनसे दूरियां बनाकर रखनी चाहिए. सबसे जरूरी है कि गर्भवती महिलाएं भी अपनी और बच्चे की सुरक्षा को ध्यान में रखकर वैक्सीन जरूर लें.
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