How to maitain hygiene in monsoon season: बारिश के मौसम में जहां माहौल खुशनुमा हो जाता है वहीं यह मौसम अपने साथ कुछ बीमारियां भी लाता है. खासकर बारिश के मौसम में थोड़ी सी लापरवाही भी स्किन डिजीज को न्यौता देने का काम करती है. स्किन रैश इस मौसम की एक आम समस्या है. पर्सनल हाइजीन के अलावा कुछ छोटी लेकिन जरूरी बातों का ध्यान रखकर आप कई तरह की समस्याओं से बच सकते हैं.
सेमी ड्राय क्लोथ्स बढ़ा सकते हैं समस्या –
मॉनसून में अक्सर धूप नहीं निकलती या धूप में तेजी नहीं होती. ऐसे में कई बार जल्दबाजी में लोग हल्के गीले कपड़े ही पहन लेते हैं. इस आदत से बचें, खासकर सेमी ड्राय अंडरगारमेंट्स आपको खासा नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसे कपड़े स्किन के कांटैक्ट में आकर रैशेस, एलर्जी, इचिंग जैसी बहुत सी समस्याएं खड़ी कर सकते हैं.
कपड़ों की ठीक से सूख जाने के बाद ही प्रयोग में लाएं और धूप न हो तो हवा के नीचे ही कपड़े पूरे सूखने के बाद यूज करें.
ब्रीदेबल फैब्रिक का करें इस्तेमाल –
मॉनसून में कॉटन के कपड़े एक अच्छा ऑप्शन हैं. इनसे आपकी स्किन तक हवा पहुंचती रहती है और किसी प्रकार के स्किन इंफेक्शन के होने के चांसेस कम हो जाते हैं. बहुत टाइट और अनब्रीदेबल फैब्रिक का चुनाव न करें.
इसके अलावा हल्की बारिश में भीगने पर भी कपड़े जरूर बदलें. थोड़ा सा ही गीला हुआ है यह सोचकर भीगे कपडें, जिनमें बरसात का पानी पड़ा हो, न पहनें.
छोटी-छोटी जरूरी बातें –
इस मौसम में अपने हाथ और पैर दोनों के नाखून छोटे रखें तो बेहतर है. बड़े नाखून बैक्टीरिया को अट्रैक्ट करते हैं. इससे फंग्ल इंफेक्शन होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. फिंगर के आसपास सूजन या इचिंग हो तो समझ जाएं कि इंफेक्शन हो रहा है. डर्मेटोलॉजिस्ट की सहायता से एंटी फंग्ल क्रीम या पाउडर का इस्तेमाल लाभ पहुंचा सकता है.
इसके अलावा खूब पानी पिएं, बरसात में भीगने के बाद घर आकर साफ पानी से जरूर नहाएं, शरीर को ठीक से सुखाए बिना ड्रेसअप न हों. अपने हाथ और पैर की सफाई का विशेष ध्यान रखें क्योंकि यही इंफेक्शन का प्रवेश द्वार बनते हैं.