नई दिल्लीः हमारे समाज में हर धर्म में कुछ ऐसे लोग हुए हैं जिन्होंने समाज को बेहतर बनाने के लिए अपने अनुयायियों से गलत काम करवाएं हैं. ऐसा ही एक मामला आज से 42 साल पहले देखा गया था, जिसने सभी को दहला कर रख दिया था. दक्षिण अमेरिका के गुयाना के जोन्सटाउन में एक साथ काफी ज्यादा संख्या में लोगों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली थी, जिसे देख कर किसी की भी रूह कांप सकती है.
दरअसल धार्मिक पंथ पीपल्स टेंपल ग्रुप को मानने वाले लगभग 900 से अधिक लोगों ने अपने धर्मगुरू की बात पर सामूहिक आत्महत्या कर ली थी. पीपल्स टेंपल की स्थापना 1950 के दशक में जिम जोन्स नाम के एक पादरी ने की थी. वह हमेशा से ही नस्लभेद का काफी विरोध करते थे, जिसके कारण उनके धार्मिक पंथ में सबसे ज्यादा अफ्रीकी अमेरिकन्स जुड़ गए थे.
समाज से ठुकराए लोगों को जिम जोन्स ने वादा किया था कि वह उन्हें एक बेहतर समाज बनाकर देंगे, जहां इंसान बराबर होगा, उस समाज में किसी प्रकार का जात-पात, ऊंच-नीच और रंगभेद नहीं होगा. जिम जोन्स के संगठन से अफ्रीकी अमेरिकन्स के अलावा यहूदी, गोरे और मेक्सिकन भी जुड़े थे.
1970 के दशक में जिम जोन्स पर कई आपराधिक मामले दर्ज हुए, जिसमें आर्थिक फ्रॉड से लेकर संगठन के लोगों के साथ दुराचार जैसे आरोप मुख्य थे. जिसके बाद उन्हें अपने संगठन को गुयाना लेकर आना पड़ा. 1978 में उन्होंने अपने संगठन के लोगों को क्रांतिकारी कदम उठाने की बात कहते हुए सामूहिक आत्महत्या के लिए उकसाया. वहीं उन्होंने साइनाइड के जरिए 900 से ज्यादा लोगों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया. जिसके बाद उन्होंने खुद भी आत्महत्या कर ली.
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