क्या आपका बच्चा भी स्मार्टफोन के साथ बिता रहा है अपना बचपन, तो अभी से हो जाएं सावधान
छोटे बच्चों को मोबाइल और टेबलेट का इतना क्रेज होने लगा है कि उनसे ये गैजेट दूर करें तो वे रोने लगते हैं. जानें, इससे आपके बच्चे पर क्या फर्क पड़ सकता है.
नई दिल्लीः एक रिसर्च के अनुसार, बच्चे टेलीविजन देखने या कंप्यूटर और मोबाइल उपकरणों का उपयोग करने में बहुत अधिक समय व्यतीत कर रहे हैं. रिसर्च में कहा गया कि होम बेस्ड चाइल्ड केयर और पहली बार मांओं के बच्चे सबसे ज्यादा स्मांर्टफोन और टेबलेट पर समय व्यतीत करते हैं.
जर्नल जामा पेडियाट्रिक्स में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, बच्चों का रोजाना इन गैजेट्स को देखने का समय बढ़ गया है. दिनभर में 12 महीने या इससे अधिक के बच्चे 53 मिनट से अधिक समय बिताता है और 3 साल तक के बच्चे 150 मिनट से अधिक समय स्क्रीन पर बिताते हैं.
शोधकर्ताओं ने बताया कि 8 वर्ष की आयु तक के ऐसे बच्चों का स्क्रीन समय सबसे अधिक मात्रा में था जो घर में मौजूद चाइल्ड केयर में जाते हैं या अपनी मां की पहली संतान हैं.
अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की सीनियर राइटर एडविना येंग का कहना है कि रिसर्च के परिणाम बताते हैं कि बच्चों में स्क्रीन की आदतें जल्दी शुरू हो रही हैं.
अल्बनी और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी लैंगोन मेडिकल सेंटर के विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने, अपस्टैट किड्स स्टडी के आंकड़ों का विश्लेषण किया, जो मूल रूप से इंफर्टिलिटी के उपचार के बाद विकसित बच्चों के विकास का पालन करने के लिए किए गए थे और 2008 से 2010 तक पैदा हुए थे.
रिसर्च में हिस्सा लेने वाले लगभग 4,000 बच्चों की माताओं ने 12, 18, 24, 30 और 36 महीने की उम्र में अपने बच्चों की स्क्रीन की आदतों पर पूछे गए सवालों के जवाब दिए. उन्होंने इसी तरह के सवालों का जवाब तब दिया जब बच्चे 7 और 8 साल के थे.
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के शोधकर्ताओं ने 18 महीने से कम उम्र के बच्चों के लिए डिजिटल मीडिया एक्सपोज़र से बचने की सिफारिश की है, 18 से 24 महीने के बच्चों को धीरे-धीरे स्क्रीन दिखाने की सिफारिश की है और 2 से 5 साल की उम्र के बच्चों के लिए दिन में एक घंटे स्क्रीन की सीमित करने की सिफारिश की है.
ये खबर रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.