सावधान, ऑफिस का खराब माहौल महिलाओं को बनाता है खराब मां
कामकाजी महिलाएं अक्सर बच्चों को डांटती या उन पर गुस्सा होती दिखाई देती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं इसमें उनका दोष नहीं है. जानिए क्या कहती है रिसर्च.
नई दिल्लीः कई बार देखा गया है कि ऑफिस से आकर महिलाएं चिड़चिड़ी और गुस्से से भरी होती हैं. वे अपने ऑफिस की फ्रस्ट्रेशन घर आकर बच्चों पर निकालती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं इसमें उनका दोष नहीं है. हाल ही में आई रिसर्च के मुताबिक, ऑफिस का खराब माहौल महिलाओं को खराब मां बना देता है. चलिए जानते हैं इस रिसर्च के बारे में.
एक रिसर्च में कहा गया है कि ऑफिस का टॉक्सिस माहौल महिलाओं को बुरी मां में बदल देता है. रिसर्च में कहा गया कि जब कोई व्यक्ति अपने सहकर्मी के प्रति खराब व्यवहार करता है तो उसे पता नहीं होता है कि यह दूसरे सहकर्मी को कैसे प्रभावित कर सकता है क्योंकि कार्यस्थल पर खराब व्यवहार और माहौल से निपटने के लिए हर किसी के पास अपना स्वयं का जरिया होता है. दिलचस्प बात यह है कि एक रिसर्च ने कार्यस्थल और महिलाओं के पालन-पोषण के तरीकों के बीच संबंध स्थापित किया है.
क्यों की गई रिसर्च- डॉ. कैथरीन ड्यूप्रे के निर्देशन में कार्लटन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में देखा गया कि कार्यस्थल पर दुर्व्यवहार कामकाजी मांओं के पालन-पोषण के तरीकों में कैसे हस्तक्षेप करता है.
कैसे की गई रिसर्च- एक निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए, शोधकर्ताओं ने कामकाजी मांओं को अपने व्यक्तिगत अनुभव को कार्यस्थल के टॉक्सिस माहौल के साथ साझा करने के लिए कहा. तब उनके पति को भी अपने विचार साझा करने के लिए कहा जाता था कि क्या उनकी पत्नियां घर में आकर बदल जाती हैं.
सर्वे के परिणामों के अनुसार, ऑफिस के टॉक्सिस माहौल में काम करने वाली महिलाएं अक्सर हक जमाने वाले और मांग करने वाले पालन-पोषण का सहारा लेती हैं. हालांकि महिलाओं ने शोधकर्ताओं को समझाया कि उनके पालन-पोषण के कौशल की कमी नहीं है लेकिन ऑफिस का माहौल उन्हें ऐसा करने पर मजबूर करता है.
खराब व्यवहार भी है जिम्मेदार- कार्यस्थल के खराब माहौल के साथ ही कर्मचारियों के खराब व्यवहार में शामिल है महिला से अपमानजनक तरीके से बात करना, सहकर्मी की उपेक्षा करना, अपमानजनक टिप्पणी करना, किसी और की मेहनत का अनुचित श्रेय लेना, सहकर्मी को हीन महसूस करना आदि.
खराब माहौल से निकलने के लिए शोधकर्ता सलाह देते हैं कि ऐसी स्थिति में बदलाव की तलाश करना एक अच्छा विचार हो सकता है. यदि संभव हो, तो ट्रासंफर के लिए पूछना या एक अलग टीम की मांग करना एक समाधान हो सकता है. कोई भी स्थिति हो सकती है लेकिन कभी भी अपने ऑफिस के माहौल से अपने मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित न करें.
ये खबर रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.