Marriage Rituals: भारत में हर धर्म के लोग रहते हैं ऐसे में सभी धर्मों का अपना अलग कल्चर है. हिंदू धर्म में होने वाली शादियों में कई ऐसे रीति-रिवाज और रस्में हैं, जो सालों से चली आ रही हैं. इन्हीं में से एक है दुल्हन की विदाई के दौरान चावल फेंकने की रस्म. आपने शादियों में देखा होगा कि दुल्हन विदाई के वक्त अपने घर में पीछे की ओर चावल फेंकती है. क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे क्या वजह है. आखिर दुल्हन चावल ही क्यों फेंकती है. आइये जानते हैं.
विदाई में चावल फेंकने की रस्म क्या है?
दुल्हन के विदाई के दौरान चावल फेंकने की रस्म सभी के आंखों को नम कर जाती है. लड़की और उसके परिवार के लिए ये सबसे ज्यादा भावुक कर देने वाला पल होता है. इस दिन एक लड़की हमेशा के लिए अपना मायका छोड़कर पति के घर चली जाती है. दुल्हन की विदाई के दौरान ये रस्म निभाई जाती है. जब दुल्हन घर की दहलीज पार करती है तो परिवार के लोग थाली में चावल लेकर खड़े होते हैं. इन चावलों को मुट्ठी में भरकर दुल्हन जोर से पीछे की ओर अपने घर में फेंकती है. इस दौरान दुल्हन को पीछे मुड़कर नहीं देखना होता है. इस रस्म को पांच बार किया जाता है. पीछे खड़े लोग चावल को समेट लेते हैं महिलाएं पल्लू में चावलों को ले लेती हैं और इन्हें दुल्हन के आशीर्वाद के तौर पर संभालकर रखा जाता है.
क्यों निभाई जाती है चावल फेंकने की रस्म?
1- बेटी को घर की लक्ष्मी कहते हैं. कहा जाता है कि जब दुल्हन पीछे की ओर अपने घर में चावल फेंकती है, तो इससे उसके घर में हमेशा धन-संपत्ति बनी रहती है. एक लड़की अपने मायके की खुशहाली के लिए ये करती है.
2- मान्यता ये भी है कि लड़की भले ही अपने मायके से जा रही हो, लेकिन वो इन चावलों के रूम में अपने मायके के लिए दुआ मांगती रहेगी. दुल्हन के फेंके गए चावल मायके में दुआएं बनकर रहते हैं.
3- कुछ लोगों को मानना है कि दुल्हन चावल फेंकने से उसके मायके को किसी की बुरी नज़र नहीं लगती है. दुल्हन के मायके से जाने के बाद उसके परिवार को नजर से बचाने के लिए इस रस्म को निभाया जाता है.
4- एक और मान्यता है कि ये एक तरह से दुल्हन के द्वारा अपने घर वालों को धन्यवाद कहने का तरीका है. एक लड़की अपने मायके को इन चावलों के रुप में दुआएं देकर जाती है.
चावल ही क्यों फेंके जाते हैं?
चावल को हिंदू धर्म में धन-संमृद्धि का प्रतीक माना जाता है. चावल का उपयोग पूजा पाठ और धार्मिक कामों में भी किया जाता है. चावल को सबसे पवित्र सामग्री माना गया है. चावल सुख और सम्पन्नता का भी प्रतीक हैं. इसीलिए जब दुल्हन विदा होती है तो मायके की खुशहाली और उन्नति के लिए चावल फेंकने की रस्म निभाई जाती है. इससे एक दुल्हन जीवन भर अपने मायके के लिए दुआ मांगती है.
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