Importance Of Maang Teeka: हिंदू धर्म में सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व है. महिलाएं पति की लंबी उम्र और सुहाग की सलामती के लिए सोलह श्रृंगार करती हैं. इसमें सिर से लेकर पैर तक सभी ऐसी चीजें धारण करती हैं जिनका संबंध पति और खुशहाल परिवारिक जीवन से जुड़ा होता है. इन्हीं सोलह श्रृंगार में माथे पर पहने जाने वाला मांग टीका भी शामिल है. मांग में टीका पहनना सुहाग की निशानी है. मांग में सिंदूर और उसके ऊपर टीका पहनने के बाद हर महिला की सुंदरता में निखार आ जाता है. हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्म में मांग टीका पहना जाता है. जानते हैं क्यों पहना जाता मांग में टीका.
मांग टीका का हिंदू धर्म में महत्व
शादीशुदा महिलाएं मांग के बीच में टीका पहनती हैं. टीका मांग और माथे के बीचों-बीच पहना जाता है. मांग टीके को माथे के बीच में पहनने के पीछे मान्यता है. वेदों में कहा गया है कि महिलाएं जब श्रृगांर करें तो उन्हें सबसे पहले मांग टीका धारण करना चाहिए. मांग में पहना जाने वाला ये टीका पति के द्वारा लगाए गए सिंदूर की रक्षा करता है. ये टीका माथे पर लटकता हुआ दोनों भवों के बीच में पहुंचता है. जहां पुरूष तिलक लगाते हैं, इसलिए इसे मांग टीका कहा जाता है. महिला के माथे पर लगा मांग टीका सिंदूर का रक्षक होता है. इसलिए हर सुहागिन महिला को मांग में टीका जरूर पहनना चाहिए.
सोहल श्रृंगार में टीके का महत्व
शादी के समय दुल्हन के लिए ससुराल की ओर से गहनों में मांग टीका भी आता है. माथे पर टीका न सर्फ सुहाग की निशानी है बल्कि मांग में सजा टीका दुल्हन की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है.
मांग में टीका पहनने का वैज्ञानिक कारण
मांग में टीका पहनने के कुछ वैज्ञानिक कारण भी माने जाते हैं. इससे मानसिक तनाव, सिर दर्द और कई तरह की मानसिक समस्याओं को दूर करता है. कहा जाता है कि मांग में टीका पहनने से महिलाओं के शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है और उनकी सूझ-बूझ और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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