पहाड़ और समंदर को भूल जाइए, पिछले तीन महीने में यह पॉइंट बना भारतीयों का सबसे फेवरेट टूरिस्ट डेस्टिनेशन
पिछले तीन महीने में लोग किसी पहाड़ी जगह या पानी वाली जगह नहीं अयोध्या जाने का उत्साह दिखा रहे हैं. बता दें अयोध्या के साथ-साथ लोगों की भीड़ लक्षद्वीप में भी दिखाई दे रही है.
![पहाड़ और समंदर को भूल जाइए, पिछले तीन महीने में यह पॉइंट बना भारतीयों का सबसे फेवरेट टूरिस्ट डेस्टिनेशन Forget the mountains and the sea ayodhya and lakshadweep has become the most favorite tourist destination of Indians in the last three months पहाड़ और समंदर को भूल जाइए, पिछले तीन महीने में यह पॉइंट बना भारतीयों का सबसे फेवरेट टूरिस्ट डेस्टिनेशन](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/09/fabfaab8dc2d9a6d0453451497260f4b1712667977362905_original.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
यात्रा करने का मन सभी का होता है. सभी सोचते हैं कि अपने रोज के काम से थोड़ा समय निकालकर हम भी घूमने जाएं. गर्मी में लोग ठंडी जगहें जाने का मन बनाते हैं. ठंडी जगह का नाम सुनकर ही हमारे मन में कश्मीर और हिमाचल का नाम ध्यान में आता है, लेकिन इस बार हालात अलग हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार यात्रा एजेंट वालों का कहना है कि इस बार देश में गर्मियों की छुट्टियों के लिए अधिकतम उत्साह अयोध्या के लिए है.
अयोध्या के बाद लक्षद्वीप का नाम
एयरलाइन्स बुकिंग में शामिल यात्रा एजेंट क कहना है कि हर दूसरे पर्यटक को अयोध्या के बारे में जानकारी मिल रही है. भक्तों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, अयोध्या हवाई अड्डे पर उतरने और उड़ान भरने का समय दो घंटे बढ़ा दिया गया है. एयरपोर्ट पर दिन में फ्लाइट ऑपरेशंस होते हैं, लेकिन बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए इसे 5 बजे से 7 बजे तक बढ़ा दिया गया है. लक्षद्वीप के लिए दूसरे स्थान पर उत्साह देखा जा रहा है. हाल ही में नई एयरलाइन फ्लाई91 ने गोवा से अगती हवाई अड्डे लक्षद्वीप की सेवाएं शुरू की हैं जो रोज फुल हो रही है.
खास होगा जन्मोत्सव
वहीं इस बार अयोध्या में और भक्तों की आने की उम्मीद की जा रही है. बता दें ये मंदिर बनने के बाद पहली रामनवमी है. इसलिए यह रामनवमी खास है. पहली बार भव्य मंदिर में राम जन्मोत्सव की खास तैयारियां हो रही हैं. रामनवमी पर रामलला को नई पोशाक पहनाई जाएगी. एकदम खास श्रृंगार किया जाएगा. खास फलों और मेवा का भोग लगाया जाएगा. जन्म के समय सूर्य की किरणों के जरिये सूर्याभिषेक भी होगा जो सबसे खास है जिसकी तैयारी में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की के वैज्ञानिक लंबे समय से जुटे हैं. जन्मोत्सव पर करीब 40 लाख श्रद्धालु पहुंच सकते हैं. इस दिन 20 घंटे तक दर्शन मिलेगा.
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