Independence Day Temple Visit: देश आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) मना रहा है. हर जगह स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2022) की तैयारियां चल रही हैं. झारखंड के रांची के एक मंदिर में भी आजादी के पर्व की खास तैयारी की जा रही है. इस मंदिर का नाम आजादी से जुड़ा है. हर राष्ट्रीय पर्व पर यहां झंडा फहराया जाता है. इस दिन बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं और तिरंगे को सलामी देते हैं. हर राष्ट्रीय पर्व को खास बनाने यहां के लोग कई दिन पहले से ही तैयारियां शुरू कर देते हैं.
प्राकृतिक छटा समेटे है यह मंदिर
रांची (Ranchi) से करीब 5 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर बाबा भोलेनाथ का एक मंदिर है. इस मंदिर को पहाड़ी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. फरवरी से अक्टूबर तक यहां शिवभक्तों का रेला लगा रहता है. सावन के महीने में हर दिन मंदिर कांवड़ियों से पटा रहता है. महाशिवरात्रि, नागपंचमी या फिर सावन मास भक्त महादेव का दर्शन करने यहां पहुंचते हैं. इस पहाड़ी से सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा देखते ही बनता है.
झील की तलहटी में है झील
पहाड़ी मंदिर की तलहटी में एक बहुत ही खूबसूरत झील है. कर्नल ओनस्ली ने 1842 में इसकी खुदाई करवाई थी. झील दो मंदिरों और एक स्नान घाट से घिरी है. जब भी कोई भक्त यहां अपने आराध्य भगवान शिव के दर्शन के लिए आता है तो वह पहाड़ी पर चढ़ने से पहले इसी झील में डुबकी लगाता है, उसके बाद दर्शन को मंदिर में जाता है. मानसून में पहाड़ी की खूबसूरती दोगुनी हो जाती है.
हर राष्ट्रीय पर्व पर फहराते हैं तिरंगा
यहां के लोगों की माने तो आजादी के आंदोलनों में बड़ी संख्या में यहां के लोगों ने हिस्सा लिया था. आजादी पाने के लिए कई अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे तो कुछ को फांसी दे दी गई थी. यहां के कई स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी पर लटका दिया गया था. जब देश को आजादी मिली तो रांची के लोगों ने उन शहीदों को श्रद्धांजलि देने तिरंगा फहराया था, तभी से यह परंपरा चली जा रही है. हर साल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर यहां तिरंगा फहराया जाता है. ऐसा किसी अन्य मंदिर में देखने को नहीं मिलता.
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