Highest Mountain Peaks In India: भारत सिर्फ अपनी संस्कृति और भाषा के लिए दुनियाभर में प्रचलित नहीं है, बल्कि वो अपने प्राकृतिक भूभाग, पहाड़ियों, नदियों, घाटियों और वनस्पतियों से भी पूरे विश्व में जाना-पहचाना जाता है. देश के कोने-कोने में खूबसूरती का एक नया खजाना है. क्या आप यह जानते हैं कि भारत के पास 7 प्रमुख पहाड़ी चोटियां भी हैं, जिनकी ऊंचाई हजारों मीटर से भी ज्यादा है? जी हां आप सही सुन रहे हैं. भारत वैसे तो कई पर्वत श्रृंखलाओं का घर है, जिनके नाम विश्व प्रसिद्ध हैं. लेकिन हम यहां उन 7 प्रमुख चोटियों का जिक्र करेंगे, जो भारत को विश्व पटल पर एक महत्वपूर्ण पहचान दिलाती हैं.  


1. कंचनजंगा चोटी


सिक्किम के उत्तर पश्चिम भाग में नेपाल और भारत की सीमा पर स्थित कंचनजंगा भारत की सबसे ऊंची और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी चोटी है. 8586 मीटर यानी 28,169 फीट की ऊंचाई वाली ये चोटी माउंट एवरेस्ट से सिर्फ 262 मीटर कम है. बौद्ध धर्म में इसका बहुत धार्मिक महत्व है. पवित्र मानी जाने वाली इस चोटी पर कभी कोई खड़ा नहीं हुआ. चोग्याल (सिक्किम साम्राज्य के पूर्व शासकों) से किए गए वादे का सम्मान करने के लिए पर्वतारोही शिखर पर रुकते हैं, ताकि पर्वत शिखर बरकरार रहे. इस चोटी पर सबसे पहले 25 मई 1955 में दो ब्रिटिश नागरिक ब्राउन और जॉर्ज बैंड चढ़ाई की थी. यह स्थान साहस रखने वालों और ट्रेकर्स के लिए एक उपयुक्त जगह है. ट्रेकर्स के लिए दो रूट मौजूद हैं, साउथ और नॉर्थ बेस कैंप.


2. नंदा देवी चोटी


नंदा देवी 7816 मीटर की ऊंचाई पर भारत की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है, जो उत्तराखंड में गढ़वाल हिमालय क्षेत्र में स्थित है. यह 1808 तक दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत था. लेकिव फिर पश्चिमी सर्वेक्षणकर्ताओं ने धौलागिरी की खोज कर ली थी. कहा जाता है कि शिव की पत्नी देवी नंदा यहां वास करती हैं. नंदा देवी चोटी के पास नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान भी है, जो भारत में उच्च ऊंचाई वाले राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है. 


3. कामेट चोटी


7756 मीटर (25,446 फीट) की ऊंचाई पर स्थित कामेट चोटी, नंदा देवी के बाद गढ़वाल हिमालय का दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है, जो तीन मुख्य सहायक चोटियों से घिरा हुआ है. जिनके नाम मुकुट पर्वत (7,242 मीटर), अबी गामिन (7,355 मीटर) और माना (7,272 मीटर) हैं. यह उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है. यह भारत की शीर्ष 3 सबसे ऊंची चोटियों में से एक है और तिब्बत की सीमा के बहुत करीब स्थित है. चोटी पर पहली बार सफल चढ़ाई 1931 में एक ब्रिटिश अभियान दल ने की थी.


4. साल्तोरो कांगरी चोटी


काराकोरम पर्वत श्रृंखला में 7742 मीटर (25,400 फीट) की ऊंचाई पर स्थित साल्तोरो कांगरी चोटी भारत की सबसे ऊंची चोटियों की इस लिस्ट में चौथे नंबर पर है. इसे साल्तोरो पर्वत की सबसे ऊंची चोटी के रूप में भी जाना-पहचाना जाता है, जो काराकोरम श्रेणी की एक उपश्रेणी है. साल्तोरो पर्वत दुनिया के सबसे लंबे ग्लेशियरों में से एक सियाचिन ग्लेशियर के काफी नजदीक है. इस चोटी पर चढ़ने की पहली कोशिश 1935 में जे वालर के नेतृत्व वाले एक ब्रिटिश अभियान दल ने की थी.


5. ससेर कांगरी चोटी


ससेर कांगरी भारत की शीर्ष 5 सबसे ऊंची चोटियों में से एक है. सेसर कांगरी पुंजक लद्दाख में स्थित है. 1973 में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के पर्वतारोहियों ने ससेर कांगरी चोटी पर पहली बार सफल चढ़ाई की थी.


6. ममस्तोंग कांगरी चोटी


ममोस्तोंग कांगरी 7516 मीटर यानी 24,659 फीट की ऊंचाई पर सियाचिन ग्लेशियर के दूरस्थ क्षेत्र में स्थित है. यह रिमो मुजताग की सबसे ऊंची चोटी है, जो लद्दाख में काराकोरम रेंज की एक उपश्रेणी है. अपने दूरस्थ स्थान के कारण ममोस्तोंग कांगड़ी भारत में सबसे कम खोजी गई पर्वत चोटियों में से एक है. कर्नल बी.एस. के नेतृत्व वाले एक इंडो-जापानी अभियान संधू ने 1984 में इस चोटी पर पहली बार चढ़ाई की थी.


7. रिमो पीक


रिमो का शाब्दिक अर्थ है 'धारीदार पर्वत' है. यह पूर्वी काराकोरम रेंज के मध्य में स्थित है. रिमो पर्वत समुद्र तल से 7385 मीटर (24,229 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है. 


ये भी पढ़ें: Relationship Advice: अपने रिश्ते को दूसरा मौका देने से पहले खुद से जरूर करें ये सवाल, इसके जवाब सही फैसला लेने में करेंगे मदद