Inner Line Permission: भारत के वो 6 टूरिस्ट डेस्टिनेशन, जहां 'स्पेशल परमिट' के बिना आपको नहीं मिलेगी एंट्री
'स्पेशल परमिट' को संवेदनशील इलाके में यात्रा करने से पहले यात्री के लिए लेना जरूरी होता है. इसे इनर लाइन परमिट (Inner Line Permit) भी कहा जाता है.
Special Permit to Travel: भारत सांस्कृतिक विविधता और समृद्ध विरासत का देश है. यहां के हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की अपनी अलग पहचान है. क्या स्नोफॉल, क्या झीलें, क्या नदियां, क्या पहाड़ यहां वो हर खूबसूरती मिलेगी जो मन को प्रफुल्लित कर देगी. हालांकि क्या आप यह जानते हैं कि भारत के सभी 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों की यात्रा करने का प्रोसीजर थोड़ा अलग-अलग है. दरअसल, हम बात कर रहे 'स्पेशल परमिट' की, जो संवेदनशील इलाके में यात्रा करने से पहले यात्री के लिए लेना जरूरी होता है. इसे इनर लाइन परमिट (Inner Line Permit) भी कहा जाता है. सुरक्षा कारणों के चलते भारत में कुछ इलाकों पर भारतीयों के लिए यह जरूरी होता है कि वे 'इनर लाइन परमिट' लें. बिना इसके उन्हें संवेदनशील इलाकों में यात्रा की अनुमति नहीं दी जाती.
यहां हम उन शहरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां जाने पहले आपको अपने सभी जरूरी दस्तावेजों यानी कि डॉक्यूमेंट्स को तैयार रखना होगा. क्योंकि तभी आपको एंट्री के लिए 'स्पेशल परिमट' मिलेगा. इस परमिट की जरूरत तब होती है जब लोग उन संवेदनशील क्षेत्रों की यात्रा कर रहे होते हैं, जो अन्य देशों के साथ सीमा साझा करते हैं. यह परमिट टूरिस्ट की सेफ्टी में मदद करता है और लोगों की आवाजाही को मैनेज करने का काम करता है. आइए जानते हैं कि किन-किन शहरों में 'इनर लोन परमिशन' (ILP) की जरूरत पड़ती है.
इन 6 जगहों पर पड़ती है 'परमिट' की जरूरत
अरुणाचल प्रदेश
भारत का उत्तर-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश चीन, भूटान और म्यांमार के साथ अपनी सीमा साझा करता है. इसलिए यात्रियों के लिए स्पेशल परमिट लेना जरूरी होता है. घूमने वाले यात्री इन शहरों- कोलकाता, शिलॉन्ग, गुवाहाटी, दिल्ली से रेजिडेंट कमिश्नर और अरुणाचल प्रदेश सरकार से अपना परमिट हासिल कर सकते हैं. स्पेशल परमिट 30 दिनों की वैधता के साथ आता है और इसका प्रति व्यक्ति खर्च लगभग 100 रुपये होता है.
नगालैंड
नागालैंड कई जनजातियों का शहर है. भारत का ये राज्य म्यांमार के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा करता है. इसलिए यह एक संवेदनशील क्षेत्र है, जहां एंट्री के लिए परमिट की जरूरत पेड़गी. दिल्ली, कोलकाता, कोहिमा, दीमापुर, शिलॉन्ग और मोकोकचुंग के डिप्टी कमिश्नर से आप इसके लिए ILP हासिल कर सकते हैं.
लक्षद्वीप
लक्षद्वीप भारत के रत्नों में से एक है. अपने समुद्र तटों और नीले साफ पानी और स्वादिष्ट भोजन के लिए जाना जाता है. इस केंद्र शासित प्रदेश में एंट्री करने के लिए आपको पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट और स्पेशल परमिट की जरूरत पड़ेगी.
मिजोरम
प्रकृति के उपहारों से भरा एक और मंत्रमुग्ध करने वाला राज्य, मिजोरम म्यांमार और बांग्लादेश के साथ साझा सीमा भी साझा करता है और कई स्वदेशी जनजातियों का घर भी है। यहां ILP संपर्क अधिकारी, मिजोरम सरकार से - सिलचर, कोलकाता, शिलांग, दिल्ली, गुवाहाटी से लिया जा सकता है। यदि आप हवाई जहाज से यात्रा कर रहे हैं, तो लोग आइजोल के लेंगपुई हवाई अड्डे पर आगमन पर सुरक्षा अधिकारी से विशेष पास ले सकते हैं
सिक्किम
सिक्किम को हिमालय का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है. सिक्किम सुंदर घास के मैदानों, शानदार पकवानों, कई मठों, क्रिस्टल झीलों और आकर्षक दृश्यों की भूमि है. सिक्किम में भी लोगों को अक्सर उस समय स्पेशल परमिट की जरूरत पड़ती है, जब वे कुछ हाईएस्ट प्वाइंट की पगडंडियों को पार करने का मन बनाते हैं, जैसे- त्सोमगो बाबा मंदिर, सिंगालीला ट्रेक, नाथला दर्रा, दजोगरी ट्रेक, थंगु-चोप्टा घाटी, युमेसमडोंग, युमथांग और जीरो पॉइंट ट्रैवल और गुरुडोगमर झील. परमिट पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा जारी किया जाता है, जिसे बागडोगरा एयरपोर्ट और रंगपोचेकपोस्ट से हासिल किया जा सकता है.
लद्दाख
लद्दाख की खूबसूरती का बखान करने की जरूरत नहीं. इसके बारे में हर यात्री जानता है. हर यात्री की ट्रिप लिस्ट में लद्दाख जरूर शामिल होता है. लद्दाख में नुब्रा घाटी, खारदुंग ला दर्रा, त्सो मोरीरी झील, पैंगोंग त्सो झील, दाह, हनु गांव, न्योमा, तुरतुक, दिगार ला और टंगयार में जाने के लिए आपको 'इनर लाइन परमिट' की जरूरत पड़ेगी.
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