मध्यप्रदेश में हैं ये शानदार हिल स्टेशन, खूबसूरती देख खुला का खुला रह जाएगा मुंह
गर्मी का मौसम पास आते ही लोग गर्मी की छुट्टियों बनाने का प्लान करने लगते हैं. इस दौरान लोग ठंडी जगहें जाने का मन बनाते हैं. तो आज हम आपको कुछ बेस्ट हिल स्टेशन के बारे में बताएंगे.
जब मौसम में हल्का सा बदलाव होता है तो हमे अजीब लगने लगता है. खासकर गर्मी का मौसम पास आते ही लोग गर्मी की छुट्टियों बनाने का प्लान करने लगते हैं. इस दौरान लोग ठंडी जगहें जाने का मन बनाते हैं. लोगों ने कई प्रसिद्ध हिल स्टेशन देखे हैं और वहां अक्सर भी भीड़ होती है. हर छुट्टियों के दौरान लोग एक ऐसी जगह खोजते हैं जहां कम भीड़ हो और वे परिवार के साथ आराम से वक्त बिता सकें. तो आज हम आपको कुछ बेस्ट हिल स्टेशन के बारे में बताएंगे.
पचमढ़ी
पचमढ़ी मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में स्थित एक बहुत शानदार हिल स्टेशन है. पचमढ़ी बायोस्फियर का हिस्सा है. यह मध्य भारत के सबसे प्रसिद्ध हिल स्टेशनों में से एक है. यदि आप मध्यप्रदेश जाते हैं और पचमढ़ी नहीं जाते हैं तो यात्रा अधूरी सी लगेगी.
शिवपुरी
समुद्र स्तर से 1,535 फीट ऊपर स्थित शिवपुरी अपनी सुंदर झीलों के लिए प्रसिद्ध है. यह मध्यप्रदेश का यह अद्वितीय हिल स्टेशन ग्वालियर से लगभग तीन घंटे की दूरी पर है और एक आरामदायक छुट्टी के लिए बेस्ट है. आप यहां सिंधिया छतरी, सख्या सागर झील, सिद्धेश्वर मंदिर, माधव नेशनल पार्क, करेरा पक्षी अभयारण्य, भूरा खों जलप्रपात, तात्या टोपे स्मारक पार्क में घूमने जा सकते हैं.
भेड़ाघाट
जबलपुर में स्थित भेड़ाघाट को दुख की पहाड़ी या आंसू की पहाड़ी भी कहा जाता है. यहां नर्मदा नदी और धुआंधार झरने का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है. यह हिल स्टेशन लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है. बोट यात्रा, साइट देखना, मंदिर देखा जा सकता है. आप भेड़ाघाट, धुआंधार वॉटरफॉल, नर्मदा नदी को देखने के लिए जा सकते हैं.
ओमकारेश्वर
ओमकारेश्वर हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल भी है. यदि आप यहां छुट्टी के लिए जाते हैं, तो यह आपके परिवार के साथ एक धार्मिक यात्रा भी होगी. ओमकारेश्वर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. भगवान के निवास के अलावा, आप यहां प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद लेंगे. अंकलेश्वर मंदिर, सिद्धांत मंदिर, केदारेश्वर, ओमकारेश्वर पैलेस, गोमुख घाट देखा जा सकता है. इसके अलावा, यदि आप ऊचाई से देखते हैं, तो ओमकारेश्वर में नर्मदा कुंड का आकार ओम के रूप में प्रकट होता है.
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