झरनों की खूबसूरती के बीच पार्टनर के साथ करना है एंजॉय, नैनीताल है शानदार ऑप्शन ऐसे पहुंचे यहां
नैनीताल की पहाड़ियों और झीलों की सुंदरता सबसे बढ़िया विकल्प है. नैनीताल को झीलों का शहर कहा जाता है. यहां कई प्रसिद्ध झीलें हैं. यहां कई प्राकृतिक झीलें हैं जिसको लोग हर साल देखने आते हैं.
अगर आप भी गर्मी के कुछ पल को अपने पार्टनर के साथ ठंडी जगहें पर बिताना चाहते हैं तो नैनीताल की पहाड़ियों और झीलों की सुंदरता सबसे बढ़िया विकल्प है. नैनीताल को झीलों का शहर कहा जाता है. यहां कई प्रसिद्ध झीलें हैं. यहां कई प्राकृतिक झीलें हैं जिसको लोग हर साल देखने आते हैं. यहां का सुहावना मौसम गर्मी से परेशान पर्यटकों को शांति प्रदान करता है. आदर्श मौसम अप्रैल से जुलाई तक है.
यदि आप पार्टनर के साथ यात्रा का प्लान बना रहे हैं या दोस्तों के साथ घूमने का तो नैनीताल का नाम पहले आना चाहिए. चाहे गर्मियों हो या सर्दियों, नैनीताल की प्राकृतिक सौंदर्य लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. कुछ मौसम में नैनीताल सभी ओर से बर्फ से ढ़की होती है. पर्यटक इसे आनंद लेने के लिए दूर से आते हैं, जो लोग इस सौंदर्य को देखने आते हैं, वहां से जाना नहीं चाहते. एक समय था जब यहां 60 से अधिक झीलें थीं, जिनकी सुंदरता को देखकर लोग मोहित हो जाते थे. पर्यटक यहां एक बार आते हैं और पूरे साल यहां की प्राकृतिक सौंदर्य की सराहना करते हैं.
सावधानियां रखें
दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोग अपनी गाड़ी से जा सकते हैं. बस किराया केवल 600 से 800 रुपये होगा. यहां रहने और खाने का खर्च भी बहुत कम है. यहां रहने की व्यवस्था भी अच्छी है. एक अच्छा होटल रुपये 500 से 1000 तक के लिए मिल सकता है. होटल के बाहर खाने की व्यवस्था भी अच्छी है. यदि आप अपनी कार में नैनीताल जा रहे हैं, तो निश्चित रूप से कुछ सावधानियाँ ध्यान में रखें. शराब पीकर गाड़ी चलाना सख्ती से प्रतिबंधित है. कार में एफएम या संगीत बजाना यहां पर प्रतिबंधित है. यहां चप्पल पहनकर गाड़ी चलाने के लिए भी आपको चालान जारी किया जा सकता है. अगर आप मॉल रोड जाना चाहते हैं, तो पहले से ही टैक्सी बुक करें. चाहे जैसा मौसम हो अपने साथ गर्म कपड़े लेकर जाएं.
कहां-कहां जा सकते हैं
नैनीताल दो हिस्सों में बाँटा हुआ है. टालीटल और पल्लीताल इसका ऊपरी हिस्सा पल्लीताल कहलाता है और निचला हिस्सा तालीटल कहलाता है. यहां पर पल्लीटल में नैना देवी मंदिर और सैर के लिए खुले मैदान हैं जहां लोग सैर करते हुए दिखाई देते हैं. तालीटल और पल्लीताल को जोड़ने वाली जगह को मॉल रोड कहा जाता है. यह खरीददारी के लिए भी एक बहुत अच्छी जगह है.
नैनीताल का रेलवे स्टेशन
दिल्ली से नैनीताल तक 24 घंटे की बस सेवा है. यह दिल्ली से 310 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. कठगोदाम को 'कुमाऊँ की पहाड़ियों का द्वार' भी कहा जाता है. यह नैनीताल से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
ये भी पढ़ें : अब होगा LOC टूरिज्म, बॉर्डर पर स्टे करके फौजियों की जिंदगी से रूबरू हो पाएंगे टूरिस्ट