Rashtrapati Bhavan Amrit Udyan: राष्ट्रपति भवन का 'अमृत उद्यान' जल्द ही खुलने वाला है. अमृत उद्यान का नाम पहले मुगल गार्डन हुआ करता था. हालांकि शनिवार को राष्ट्रपति भवन के 'मुगल गार्डन' का नाम बदलकर 'अमृत उद्यान' कर दिया गया है. ये उद्यान इस महीने की आखिरी तारीख यानी 31 जनवरी से खुल जाएगा. घूमने-फिरने के शौकीन लोग यहां अलग-अलग फूलों की खूबसूरती देखने के लिए जा सकते हैं. अमृत उद्यान 31 जनवरी से 26 मार्च तक खुला रहेगा. लोग सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक यहां घूमने आ सकेंगे. इसकी जानकारी राष्ट्रपति भवन द्वारा एक बयान में दी गई है.
बयान में कहा गया है कि 28 मार्च से 31 मार्च तक 'अमृत उद्यान' खास वर्ग के लिए खोला जाएगा. किसानों के लिए ये उद्यान 28 मार्च को खुलेगा. जबकि दिव्यांगों के लिए 29 मार्च को और डिफेंस फोर्स, पैरामिलिट्री फोर्स और पुलिस कर्मियों के लिए 30 मार्च को खोला जाएगा. आदिवासी महिलाओं के 'स्वयं सहायता समूहों' समेत महिलाओं के लिए 31 मार्च को अमृत उद्यान खुलेगा. राष्ट्रपति भवन के गार्डन में लॉन्ग गार्डन, सर्कुलर गार्डन, ईस्ट लॉन, सेंट्रल लॉन शामिल हैं.
ट्यूलिप की 12 अनोखी किस्मों का कर सकेंगे दीदार
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के पूर्व राष्ट्रपतियों डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और राम नाथ कोविंद के कार्यकाल के वक्त हर्बल-एक, हर्बल-दो, बोन्साई गार्डन, आरोग्य वनम नाम के कई उद्यान डेवलप किए गए थे. इस साल उद्यान उत्सव में लोग 12 अनोखी किस्मों के खासतौर से उगाए गए ट्यूलिप का दीदार कर पाएंगे.
कैसे मिलेगी एंट्री?
अमृत उद्यान घूमने के लिए लोग अपना स्लॉट ऑनलाइन बुक करा सकते हैं. हालांकि अगर आप ऑनलाइन बुकिंग नहीं कर सकते तो फिर आपको सुविधा काउंटर के साथ ही साथ भवन के गेट नं. 12 के पास कियोस्क पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत होगी. अगर आप भीड़भाड़ से बचना चाहते हैं तो ऑनलाइन स्लॉट बुक करना अच्छा विकल्प है. सभी लोगों की एंट्री और एक्जिट राष्ट्रपति भवन के गेट नं. 35 से होगी.
अमृत उद्यान की खासियत
15 एकड़ में फैले हुए अमृत उद्यान में 150 से ज्यादा किस्मों के गुलाब और ट्यूलिप, डैफोडील्स, एशियाई लिली और बाकी मनमोहक फूल हैं. बयान में कहा गया कि मुगल काल के बगीचों, नहरों और फूलों की क्यारियों को यूरोपीय शैली के फूलों के बगीचों और लॉन के साथ मिलाया गया है. गुलाब आज भी प्रसिद्ध बगीचों की एक खास विशेषता बना हुआ है. गार्डन में गुलाब की 159 वैरायटीज़ उगाई जाती हैं, जो फरवरी और मार्च के महीने में खिलते नजर आते हैं.
गार्डन में 101 तरह के बोगनवेलिया में से 60 वैरायटीज़ हैं. बगीचे को ढके रखने वाली घास दूब घास होती है, जिसे इस गार्डन में रोपने के लिए खासतौर से कोलकाता से लाया गया था. गार्डन में 50 तरह के पेड़ हैं, झाड़ियां हैं और लताएं हैं. इनमें गोल्डन रेन ट्री, फूल वाले टार्च ट्री, मौलश्री पेड और कई अनोखे पेड़ शामिल हैं. राष्ट्रपति भवन के बगीचों का ख्याल 300 से ज्यादा स्थायी और अस्थायी कर्मचारी रखते हैं.
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