Gurudongmar Lake Interesting Facts: खूबसूरती के मामले में भारत का राज्य सिक्किम किसी से भी पीछे नहीं है. यहां घूमने के लिए और जिंदगी का लुत्फ उठाने के लिए बहुत कुछ है. लोगों के लिए कई स्थान यहां आकर्षण का केंद्र हैं, जैसे गुरुडोंगमार झील. गुरुडोंगमार झील शायद सिक्किम के सभी अद्भुत स्थानों में से एक है. ये झील दुनिया की सबसे ज्यादा ऊंचाई वाली प्राकृतिक झील है, जो काफी सुंदर है. यहां आने वाले लोग इस झील को स्वर्ग की संज्ञा देते हैं. गुरुडोंगमार लेक 290 एकड़ में फैला हुआ है. इसके चारों ओर बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखलाएं हैं. इस झील के बारे में ऐसी कई बातें हैं, जो आपको अचंभित कर सकती हैं. 


गुरुडोंगमार झील से जुड़े तथ्य


कभी नहीं जमता झील का पानी 


गुरुडोंगमार झील की सबसे दिलचस्प बात यह है कि ये झील कभी भी पूरी तरह से नहीं जमती, यहां तक कि जब तापमान -20 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है तो भी नहीं जमती. झील स्थानीय लोगों के लिए पानी का मुख्य सोर्स है. यह एक पवित्र स्थान भी है, जहां हिंदू, बौद्ध और सिख लोग एक साथ आते-जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि जब गुरु पद्मसंभव तिब्बत से वापस लौट रहे थे तभी स्थानीय लोगों ने पूरे साल रहने वाली पानी की समस्या के समाधान के लिए उनसे गुहार लगाई थी. लोगों की गुहार सुनने के बाद उन्होंने झील के एक हिस्से को स्पर्श कर लिया. कहा जाता है कि इसलिए यह झील कभी नहीं जमती.


झील के पानी में जादुई शक्ति 


आसपास रहने वाले कई लोगों का मानना है कि इस झील के पानी को पीने से महिलाओं को फर्टिलिटी से जुड़ी कोई परेशानी नहीं होती. हालांकि वैज्ञानिकों ने अभी तक इस बात को सिद्ध नहीं किया है. झील के बगल में एक मंदिर भी है, जहां टूरिस्ट जाकर प्रार्थना कर सकते हैं. आप यहां चारों ओर चमकीले रंग के ध्वज देखेंगे, जो आने वाले लोगों की प्रार्थनाओं का प्रतीक है. 


ज्यादा ऊंचाई के कारण सांस लेने में होती है दिक्कत


गुरुडोंगमार झील समुद्र के स्तर से 17,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. ये दुनिया में सबसे ज्यादा ऊंचाई वाली झीलों में से एक है. हालांकि ज्यादा ऊंचाई की वजह से यहां आने वाले पर्यटकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अधिकतर पर्यटक कई बार इस जगह पर नहीं पहुंच पाते. या तो भूस्खलन रुकवाट पैदा कर देती है या ऑक्सीजन का कम होता स्तर. इस झील के ज्यादा ऊंचाई पर होने की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है. इसके चलते अधिकतर लोग यहां तक पहुंच पाते. हालांकि अगर आप यहां जाने की सोच रहे हैं तो जाने से एक दिन पहले धूम्रपान या शराब न पिए. क्योंकि इससे आपके बीमार होने की आशंका बढ़ जाएगी. 


पत्थर को भी हिला देती हैं यहां हवाएं


इस स्थान पर 15kms प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलती हैं. तेज हवाओं की वजह से यहां ठंड ज्यादा लगती है. दिन गुजरने के साथ ही हवा की रफ्तार भी बढ़ती चली जाती है. ऐसा माना जाता है कि झील के आसपास मौजूद पत्थरों को भी ये हवाएं हिलाकर रख देती हैं. गुरुडोंगमार पूरे साल हवादार रहता है. सर्दियों के दौरान हवा की रफ्तार यहां बढ़ जाती है.


अप्रैल-मई में फूलों से दिखेगा गुलजार


अगर आप रंग-बिरंगे फूलों को देखने के शौकीन हैं और जंगली फूलों का दीदार करने के लिए तरस रहे हैं तो गुरुडोंगमार घूमने के लिए अप्रैल और मई के बीच आएं. इस समय ये जगह रंग-बिरंगे फूलों से गुलजार रहती है. तापमान भी शून्य से नीचे आ सकता है. हालांकि आपको अप्रैल के महीने में बर्फीले तूफान का सामना करना पड़ सकता है. 


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