Prayagraj Tourist Destinations: प्रयागराज भारत के सबसे धार्मिक शहरों में से एक है. ये उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का सबसे बड़ा शहर होने के साथ-साथ ऐतिहासिक और पौराणिक कथाओं को समेटे हुए है. यहां तीन नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम (Sangam) है. यहां हर 12 साल पर ऐतिहासिक कुंभ लगता है। हर साल माघ मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने पहुंचते हैं. अगर आप अपनी छुट्टियां प्रयागराज (Prayagraj) में एंजॉय करना चाहते हैं तो यहां के ये 7 टूरिस्ट डेस्टिनेशन आपके पल का खास बना देंगे. आइए जानते हैं...
त्रिवेणी, संगम
हिंदू धर्म में त्रिवेणी संगम को बहुत माना गया है. यहां घूमने के लिए सबसे लोकप्रिय और पवित्र स्थानों में से त्रिवेणी संगम एक है. इस क्षेत्र की लोकप्रियता के कारण, इलाहाबाद को कभी-कभी संगम भी कहा जाता है. हर 12 साल में इसी स्थान पर कुंभ का मेला भी लगता है, साथ ही हर छह साल में अर्ध कुंभ का आयोजन भी होता है. इन दोनों मोलों पर करोड़ों भक्तों की भीड़ यहां पहुंचती है. जहां तीनों नदियां का संगम होता है, वहां हिंदू डुबकी लगाते हैं, यदि आप गंगा और यमुना के बहते पानी में बोटिंग करते हैं, तो आप दोनों नदियों के पानी के रंगों में अंतर देख आप आश्चर्य चकित हो जाएंगे.
खुसरो बाग
खुसरो बाग (Khusro Bagh) लुकरगंज में स्थित है. यह प्रयागराज के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है. खुसरो बाग की संरचना में मुगल वास्तुकला की छाप दिखाई देती है. यह बलुआ पत्थर के मकबरे हैं, जो शाह बेगम, खुसरो मिर्जा और निथार बेगम सहित मुगल राजघरानों को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाए गए हैं. इस बाग में अमरूद और गुलाब के पेड़ लगे हैं.
आनंद भवन
आनंद भवन (Anand Bhavan) को पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरु का घर है. 1930 के दशक में मूल स्वराज भवन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का ऑफिस बना दिया. इसके बाद मोतीलाल नेहरू ने अपने लिए एक हवेली खरीदी और इसे आनंद भवन कहा जाता था. आज यही हवेली एक ऐतिहासिक गृह संग्रहालय है जिसमें जवाहर तारामंडल मौजूद है. आनंद भवन को यूरोपीय फर्नीचर और कुछ चीन के सामानों से सजाया गया है. 1970 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने इस हवेली को भारत सरकार को सौंप दिया था.
प्रयागराज का किला
प्रयागराज का किला 1583 में बनाया गया था. यह किला प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में स्थित है. माना जाता है कि, अकबर ने इस भव्य किले का निर्माण करवाया था. यह किला हिंदुओं के लिए एक पवित्र वृक्ष अक्षयवट को कवर करने के लिए बनाया गया था. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस किले को राष्ट्रीय महत्व के स्मारक के रूप में शामिल किया है।
जवाहर तारामंडल
आनंद भवन के पास में ही 1979 में इस जवाहर तारामंडल (Jawahar Planetarium) को बनाया गया था. जवाहर तारामंडल विज्ञान और इतिहास का एक बेहतरीन मेल है. यहां सौर मंडल और अंतरिक्ष से जुड़े कई शो भी आयोजित होते हैं. यहां आप ग्रहों की चाल के बारे में जानने के लिए किसी भी शो में भाग ले सकते हैं.
प्रयागराज का अशोक स्तम्भ
प्रयागराज में गुप्त काल का एक महत्वपूर्ण अवशेष, प्रयागराज स्तंभ यानी अशोक स्तंत्र (Ashok Pillar) यहां स्थित है. बलुआ पत्थर से निर्मित इस संरचना में चौथी ईसा पूर्व और 17 वीं शताब्दी के समुद्रगुप्त और जहांगीर युग के शिलालेख मिलते हैं. वर्तमान में अशोक स्तम्भ को देखने के लिए सेना परमीशन लेनी पड़ती है.
ऑल सेंट कैथेड्रल
प्रयागराज में 19 वीं शताब्दी के अंत में निर्मित, ऑल सेंट्स कैथेड्रल एक शानदार क्रिश्चियन चर्च है. यहा चर्च प्रदेश के खूबसूरत चर्चों में से एक है. यह चर्च पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के बीच बेहद फेमस है.