एक्सप्लोरर
Smallest Town Of The World: दुनिया का सबसे छोटा कस्बा, यहां रहते हैं सिर्फ 27 लोग, 100 मीटर का एरिया, सड़कें भी सिर्फ दो
Smallest Town : एक कस्बे में कितने लोग रहते होंगे, हजार, दो हजार, चार हजार या 40 हजार भी लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया के सबसे छोटे कस्बे में सिर्फ 27 लोग ही रहते हैं.
![Smallest Town Of The World: दुनिया का सबसे छोटा कस्बा, यहां रहते हैं सिर्फ 27 लोग, 100 मीटर का एरिया, सड़कें भी सिर्फ दो Travel Tips World smallest town Zagreb Croatia population only 27 people Smallest Town Of The World: दुनिया का सबसे छोटा कस्बा, यहां रहते हैं सिर्फ 27 लोग, 100 मीटर का एरिया, सड़कें भी सिर्फ दो](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/18/b83e59d411ea60c944e2492b5369d2b31668768559152506_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
ये है दुनिया का सबसे छोटा कस्बा
World's Smallest Town : जब दुनिया की आबादी 8 अरब हो चुकी है. पॉपुलेशन कंट्रोल की बात चल रही है. चीन और भारत सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राष्ट्र हैं और दुनिया के कई और देश हैं, जहां की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में अगर इन देशों में किसी कस्बे की बात की जाए तो वहां भी बड़ी संख्या में लोग रहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया के सबसे छोटे कस्बे में सिर्फ 27 लोग ही रहते हैं. चौंकिए मत..यह सौ फीसदी सच है. 100 मीटर का यह कस्बा जितना छोटा है, उसका इतिहास उतना ही विशाल और रोचक..आइए जानते हैं..
दुनिया का सबसे छोटा कस्बा
दुनिया के नक्शे पर एक देश है क्रोएशिया. इसकी राजधानी जागरेब है. यह दुनिया का सबसे छोटा कस्बा है. कहते हैं कि यहां आप पैदल ही घूम सकते हैं. यहां कुछ कदम चलने के बाद ही शहर की सीमा समाप्त हो जाती है.
कितनी है आबादी
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, सेंट्रल इस्ट्रिया में मौजूद इस छोटे से कस्बे की कुल आबादी सिर्फ 21 थी यानी यहां सिर्फ 21 लोग ही रहते थे. जबकि साल 2021 की जनगणना के अनुसार, इस कस्बे की आबादी में 6 लोगों की बढ़ोतरी हुई है और अब यह बढ़कर 27 हो गई है.
दुनिया के सबसे छोटे कस्बे का इतिहास
इस जगह की शुरुआत के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन ऐतिहासिक दस्तावेजों में इस कस्बे के बारे में सबसे पहला उल्लेख साल 1102 के आसपास मिलता है. उस दौर में इस कस्बे को कॉल्म (Cholm) के नाम से बुलाया जाता था. साल 1552 में एक बेल और निगरानी करने के लिए यहां टावर का बनाया गया था जिससे इस कस्बे की सुरक्षा की जा सके.
सैनिकों के परिवार आकर बसे
उस दौर में यहां पर सैनिक अपने परिवार के सदस्यों के साथ यहां आकर बसने लगे, लेकिन इस जगह पर कोई भी यहां हमेशा के लिए नहीं बस पाया. आज भी यहां पर सिर्फ दो ही सड़कें बनी हुई हैं. पुराने जमाने के सिर्फ कुछ ही मकान हैं यहां पर वो भी तीन लाइनों में ही बने हुए हैं.
सिर्फ 100 मीटर में बसा है पूरा कस्बा
यह कस्बा सिर्फ 100 मीटर लंबाई और 30 मीटर चौड़ाई में बसा हुआ है. यह इतना छोटा है कि पैदल ही चलकर इसकी सीमा समाप्त हो जाती है. यहां के लोग बताते हैं कि इस छोटे से कस्बे को देखने के लिए दुनियाभर से पर्यटक आते हैं. यहां की आमदनी का मुख्य सोर्स भी पर्यटन और खेती-किसानी पर ही निर्भर है. पूरा कस्बा पत्थरों की छोटी-छोटी दीवारों से घिरा है, क्योंकि उस दौर में डकैतों से बचने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता था.
ये भी पढ़ें
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, लाइफस्टाइल और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
Don't Miss Out
00
Hours
00
Minutes
00
Seconds
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
क्रिकेट
राजस्थान
बॉलीवुड
Advertisement
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![अनिल चमड़िया](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/4baddd0e52bfe72802d9f1be015c414b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)
अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
Opinion: 'आस्था, भावुकता और चेतना शून्य...', आखिर भारत में ही क्यों होती सबसे ज्यादा भगदड़ की घटनाएं
Opinion