Top Destinations In Bhopal: अगर आप अपनी वर्कलाइफ से थक चुके हैं और रिफ्रेशमेंट के लिए कहीं ब्रेक पर जाना चाहते हैं तो आप झीलों के शहर भोपाल  घूमने का प्लान बना सकते हैं. भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी है, जो भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता और भूमि का समृद्ध और गौरवशाली अतीत पर्यटकों को बड़ी संख्या में भोपाल की ओर आकर्षित करता है. इसके समृद्ध इतिहास का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां मिले   रॉक पेंटिंग्स करीब 30000 साल पुराने हैं.  भोपाल ग्रीनरी से भरपूर है और यहां आकर आप खुद को प्रकृति के बेहद करीब पाएंगे. तो चलिए आपको बताते हैं कि झीलों के शहर भोपाल के आसपास आप कहां-कहां घूम सकते हैं.

 

भीमबेटका

भोपाल से लगभग 46 किमी की दूरी पर स्थित, भीमबेटका, वर्ल्ड हेरिटेज साइट भोपाल के समृद्ध इतिहास को बताता है. भीमबेटका गुफाओं की खोज 1957-58 के दौरान एक ऑर्कोयोलोजिस्ट डॉ विष्णु वाकणकर ने गलती से की थी. यह एक वास्तविक खजाना है क्योंकि गुफाओं में रॉक पेंटिंग 15000 वर्ष से अधिक पुरानी हैं. पेंटिंग्स उस समय के लोगों के रहन सहन को बताती हैं. यहां कि पेटिंग्स देखने लायक हैं. यदि आप मेडीवियल ऐज की दुनिया का हिस्सा बनना पसंद करते हैं तो भीमबेटका आपके लिए एक आइडियल प्लेस है.

 

अपर लेक

 भोपाल को झीलों का शहर यूं ही नहीं कहा जाता. यहां की झील बेहद खूबसूरत है. भोपाल में सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक है अपर लेक जिसे भोजताल या बड़ा तालाब भी कहा जाता है. इस झील के इतिहास की बात करें तो 11वीं शताब्दी में इसका निर्माण राजा भोज ने करवाया था. तो  अगर आप भोपाल जा रहे हैं तो झीलों के शहर की इस खूबसूरत झील को देखना बिल्कुल मिस ना करें. अपर लेक में बोट क्लब है जहां आप पेडल बोट, स्पीड बोट और क्रूज़ का लुत्फ भी उठा सकते हैं.

 

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान

भोपाल शहर के केंद्र में स्थित 445.21 हेक्टेयर भूमि के क्षेत्र में वन विहार राष्ट्रीय उद्यान बना हुआ है. यहां घूम कर आपको किसी नेशनल पार्क में घूमने का एक्सपीरियंस होगा. तो अगर आप वाइल्ड लाइफ लवर हैं तो यहां आपको जंगली जानवरों में बाघ, तेंदुआ, सांभर और चीतल जैसे तमाम जानवर देखने को मिलेंगे. पार्क में 200 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियों का भी घर है. वन विहार लेक की दूसरी तरफ है और यहां आप अपनी गाड़ी से साइकिल से या फिर पैदल भी घूम सकते हैं.

 

भोजपुर मंदिर

यह 11वीं शताब्दी का एक अधूरा मंदिर है जिसके अधूरे होने का कारण कोई नहीं जानता हैं.  हालांकि इस अधूरे मंदिर में की गई नक्काशी को देखकर आप यकीनन हैरान रह जाएंगे. यहां बना शिवलिंग दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग है. एक ही चट्टान से उकेरा गए विशाल शिवलिंग की ऊंचाई 18 फीट और व्यास 7.5 फीट है. मंदिर बेतवा नदी के तट पर स्थित है.

 

ताज-उल-मस्जिद 

ये एशिया महाद्वीप की सबसे बड़ी मस्जिदों में शुमार है. क्योंकि ये 23312 वर्ग फुट भूमि में फैली हुई है..यहां की मीनारें 206 फीट ऊंची हैं..इसका निर्माण भोपाल की बेगम सुल्तान शाहजहाँ ने शुरू किया था, लेकिन पैसों की कमी के कारण, यह उनके शासनकाल के दौरान पूरा नहीं हुआ था. साल 1971 में इसे अल्लामा मोहम्मद इमरान खान नदवी अज़हरी ने पूरा किया. इस मस्जिद की  बेहतरीन कारीगरी को लोग दूर दूर से देखने आते है.

 

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