Green Cities Of India:  शहरों की भागदौड़ और आपाधापी के बीच कहीं ना कहीं सुकून और शांति मिसिंग होती है. यही वजह है कि जब भी 2 या 3 दिन की भी छुट्टी मिलती है तो लोग प्रकृति के करीब जाने की कोशिश करते हैं. उन जगहों पर जाने की प्लानिंग करते हैं जहां ग्रीनरी हो, नेचुरल ब्यूटी हो.  ऐसे में अगर आप वेकेशन पर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं या फिर लॉन्ग वीकेंड पर कहीं बाहर जाने का मन है तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं देश की बेहद खूबसूरत और हरियाली से भरपूर प्लेसेस.  आपके लिए लेकर आए हैं ग्रीनेस्ट सिटीज ऑफ इंडिया के लिस्ट आपको कम से कम एक बार जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए.

 

गांधीनगर

गुजरात की राजधानी गांधीनगर है जो साबरमती नदी के तट पर खूबसूरती से बसा हुआ है. यह शहर देश के सबसे हरे भरे शहरों में से एक है, जिसने शहरीकरण के रास्ते में प्रकृति को दूर नहीं रखा. शहर में करीब 32 लाख पेड़ हैं और आबादी 1.5 लाख है. इसका मतलब है कि गांधीनगर में प्रति व्यक्ति 22 पेड़ हैं जो कि अविश्वसनीय है.

 

भोपाल

गैस कांड के बाद भोपाल ने देश के सबसे हरे भरे शहरों में से एक के रूप में अपनी छवि फिर से स्थापित की है. पर्यावरण के प्रति जागरूकता, और शहर को बेहतर बनाने के लिए भोपाल के नागरिकों की कोशिश परिणाम दिखाती है. यह जगह एक शहरी केंद्र है, लेकिन इसमें  हरियाली भरपूर है.

 

हैदराबाद

हैदराबाद आंध्र प्रदेश का एक खूबसूरत शहर है और इसे मोतियों के शहर के रूप में जाना जाता है.संयुक्त राष्ट्र के आर्बर डे फाउंडेशन (ADF) और खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने हैदराबाद को लगातार दूसरे वर्ष 'विश्व के वृक्ष शहर' के रूप में  नामित किया है. शहर के जंगलों का ध्यान रखकर  शहर ने यह उपलब्धि हासिल की है..

 

 मैसूर

मैसूर को भारत का पहला हरा-भरा और स्वच्छ शहर कहा जाता है. शहर अपने अद्भुत झरनों, महलों और उद्यानों और पवित्र मंदिरों के लिए जाना जाता है. यह कर्नाटक का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर है, लेकिन सबसे हरा-भरा भी है. ये सबसे अच्छी तरह से डिजाइन किये गए शहरों में से एक है. भारी बारिश के बाद भी शहर में बाढ़ नहीं आती है.

 

चंडीगढ़ 

चंडीगढ़ को इंडिया का मोस्ट सिस्टमेटिक सिटीज में से एक है. ये  दुनिया के सबसे आकर्षक शहरों में से एक शहर है. शहर बुनियादी ढांचे और हरियाली के बीच सबसे सही बेलेंस बनाता है. चंडीगढ़ में ट्री कवर है जो इसे भारत के सबसे हरे भरे शहरों में से एक बनाता है. पिछले 2 वर्षों में चंडीगढ़ में वन क्षेत्र में 4 वर्ग किमी का इजाफा हुआ है.

 

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