टाइफाइड साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से फैलने वाली संक्रामक बीमारी है. इसकी चपेट में आने पर तेज बुखार और अन्य समस्याएं पैदा होती हैं. दूषित खाना, पानी या संक्रमित शख्स के संपर्क में आने से बीमारी फैलती है. टाइफाइड पाचन-तंत्र और ब्लडस्ट्रीम में बैक्टीरिया के संक्रमण की वजह से होता है.


टाइफाइड का लक्षण धीरे-धीरे जाहिर होता है. आम तौर पर मानसून के दौरान बच्चे टाइफाइड बुखार से पीड़ित होते हैं. जल प्रदूषण में वृद्धि भी जल जनित बीमारी का कारण बन सकता है. संक्रमित होने के बाद आम तौर से इसका लक्षण 6-30 दिनों के अंदर शुरू हो जाता है. बुखार और लाल चकता इसके प्रमुख दो लक्षण हैं. इसके अलावा बीमारी के अन्य लक्षणों में कमजोरी, थकान, भूख न लगना, पेट दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, पसीना आना, डायरिया और पेट में सूजन शामिल है. अगर इन लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया जाए तो स्थिति ज्यादा खराब हो सकती है. इसलिए टाइफाइड से बचाव के उपाय का जानना जरूरी है.


बचाव के उपाय


टाइफाइड की वैक्सीन हालांकि बाजार में मौजूद है मगर ये 100 फीसद प्रभावकारी नहीं है. संक्रमण को रोकने के लिए कई अन्य साधारण उपाय हैं.


फिल्टर पानी पीना- दूषित पानी पीने से बचना चाहिए. हो सकता है आपके इलाकों में सप्लाई का पानी दूषित हो. इसलिए पीने के लिए फिल्टर पानी का इस्तेमाल करें.


ताजा फूड्स का इस्तेमाल करें- सिर्फ ताजा सब्जी और फूड्स का ही सेवन करें. सब्जी और फूड्स को लंबे समय तक स्टोर न करें. इस्तेमाल से पहले उसे अच्छी तरह धो लें.


बार-बार हाथ धोएं- हाथ की सफाई से बैक्टीरिया और संक्रमण हाथ से निकल जाते हैं. ये सफाई का तरीका आपको कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है.


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