संयुक्त राष्ट्र संघ में हुए ऐतिहासिक मतदान के बाद भांग को खतरनाक ड्रग की सूची से हटा दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से सिफारिश के बाद संयुक्त राष्ट्र के मादक पदार्थ आयोग ने इसे मादक पदार्थों की सूची से हटा दिया है. इस मतदान के पक्ष में 27 देशों ने वहीं 25 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया. अमेरिका और ब्रिटेन ने पक्ष में मतदान किया. वहीं भारत और पाकिस्तान ने इसका विरोध किया.
कई देशों में भांग के सेवन की अनुमति
पहले जनवरी 2019 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भांग और इसके रस को 1961 में बनी प्रतिबंधित मादक पदार्थों की चौथी सूची से हटाने की सिफारिश की थी. इसकी वजह इसका उपयोग दर्द निवारण सहित कई बीमारियों में होने को बताया गया. भारत में नार्कोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम (1985) के तहत भांग के उत्पादन, बिक्री, खरीद करना दंडनीय अपराध है. संयुक्त राष्ट्र ने भारत से कहा है कि भारत को अन्य देशों के साथ आना चाहिए जिससे चिकित्सा उद्देश्यों के लिए भांग के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया सके.
दुनिया के कई देशों में भांग का इस्तेमाल औषधीय उपयोग और मनोरंजन दोनों के लिए होता है. वर्तमान में 50 से अधिक देशों ने भांग के औषधीय कार्यक्रम की अनुमति दी है. इसके अलावा कनाडा, उरुग्वे और 15 अमेरिकी राज्यों में भांग के सेवन की अनुमति है.
भांग के फायदे
अमेरिका के नेशनल आई इंस्टीट्यूट के मुताबिक भांग ग्लूकोमा के लक्षण खत्म करती है. इस बीमारी में आंख का तारा बड़ा हो जाता है और दृष्टि से जुड़ी तंत्रिकाओं को दबाने लगता है. इससे नजर की समस्या आती है. इसके अलावा भांग के पौधे में मिलने वाले टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल की छोटी खुराक एमिलॉयड के विकास को धीमा करती है. एमिलॉयड मस्तिष्क की कोशिकाओं को मारता है और अल्जाइमर के लिए जिम्मेदार होता है.
साल 2015 में अमेरिकी सरकार ने भी माना था कि कैंसर से लड़ने में भांग सक्षम है. अमेरिका की सरकारी वेबसाइट cancer.org के मुताबिक कैनाबिनॉएड्स तत्व कैंसर कोशिकाओं को मारने में सक्षम हैं. अमेरिका की सरकारी वेबसाइट cancer.org के मुताबिक कैनाबिनॉएड्स तत्व कैंसर कोशिकाओं को मारने में सक्षम हैं. साथ ही भांग के सेवन से कीमोथैरेपी के साइड इफेक्ट्स जैसे नाक बहना, उल्टी और भूख न लगना दूर होते हैं. नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने साबित किया है कि भांग स्ट्रोक की स्थिति में मस्तिष्क को नुकसान से बचाती है. भांग स्ट्रोक के असर को दिमाग के कुछ ही हिस्सों में सीमित कर देती है.
भांग से नुकसान
अगर भांग का सेवन ज्यादा मात्रा में किया जाता है तो दिमाग पर आपका नियंत्रण नहीं रहता है. मस्तिष्क ठीक से काम करना बंद कर करता है. अगर भांग के नशे की लत लग जाए तो दिमाग के विकास पर नकारात्मक असर पड़ता है. बता दें कि इसके सेवन के बाद दिमाग हाइपर ऐक्टिव हो जाता है. हमारे सोचने-समझने की शक्ति कमजोर हो जाती है और हम आस-पास की स्थितियों को भलि प्रकार समझ नहीं पाते हैं. साथ ही हेलोसिनेशन और साइकोसिस की दिक्कत भी हो सकती है.
इसके अलावा हार्ट अटैक की संभावनाएं और ब्लडप्रेशर बढ़ जाती है. आंखें लाल होने लगती है. सांस लेने की परेशानियां बढ़ सकती है. महिलाओं को गर्भ धारण करने में भी परेशानी हो सकती है.अगर भांग को ही अधिक मात्रा में ले लिया जाए तो यह पेट में गर्मी या जलन भी कर सकती है. अगर आपको पहले से कोई और बीमारी है तो इसकी अधिक मात्रा का असर घातक भी हो सकता है.
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