कभी-कभी हमारे दिल में भी एक तरह का "शॉर्ट सर्किट" हो सकता है. असल में, यह दिल के इलेक्ट्रिक सिग्नल में कुछ गड़बड़ी की बात करता है, जिसे डॉक्टर "अरिथमिया" कहते हैं. ये गड़बड़ी तब होती है जब दिल के सिग्नल सामान्य से अलग तरीके से चलते हैं, जिससे दिल की धड़कन तेज, धीमी या अनियमित हो सकती है. यह समस्या कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि दिल की बीमारी, ब्लड प्रेशर ज्यादा होना, स्मोकिंग, ज्यादा शराब पीना, तनाव या कुछ दवाईयों का असर. इसका इलाज दवाइयों, जिंदगी में बदलाव और कभी-कभी कुछ खास ट्रीटमेंट्स से किया जाता है. अगर समय पर इलाज और सही जीवनशैली अपनाई जाए, तो इस "शॉर्ट सर्किट" को ठीक किया जा सकता है, और इंसान एक स्वस्थ जिंदगी जी सकता है.
हार्ट अटैक कब होता है
हृदय रोग तब होते हैं जब हृदय की मांसपेशियों को कोई नुकसान या चोट पहुंचती है. ये रोग विभिन्न कारणों से हो सकते हैं जैसे - धमनियों में जमावट, रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल आदि. इनसे हृदय को रक्त और ऑक्सीजन पर्याप्त नहीं मिल पाता. परिणामस्वरूप हृदय की मांसपेशियां क्षतिग्रस्त होती हैं. ऐंजाइना, हार्ट अटैक आदि हृदय रोगों के लक्षण हैं. इनका सही इलाज न होने पर हृदय की कार्यक्षमता खत्म हो सकती है.
इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन
हमारे शरीर में कई तरह के खनिज पदार्थ और लवण होते हैं जिन्हें इलेक्ट्रोलाइट्स कहते हैं. ये हमारे लिए बहुत जरूरी होते हैं. इनमें पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम प्रमुख हैं. ये हमारी मांसपेशियों और तंत्रिकाओं के ठीक से काम करने में मदद करते हैं. कभी-कभी इन लवणों की मात्रा में कमी या ज्यादा हो जाती है। इसे इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन कहते हैं। ऐसा होने से हमें कमजोरी, सिरदर्द, चक्कर आना, मांसपेशियों में ऐंठन जैसे लक्षण हो सकते हैं.
अरिथमिया के लक्षण
अरिथमिया एक ऐसी स्थिति है जब दिल की धड़कन नियमित नहीं रहती. दिल के झटकों में गड़बड़ी आ जाती है. कभी तेज़ तो कभी धीमे हो जाते हैं. ये लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं. लेकिन सभी का मतलब यही है कि दिल की गति बिगड़ रही है. इससे कई तरह के लक्षण निकल सकते हैं. सबसे आम हैं..
- सीने में दर्द या परेशानी
- सांस लेने में मुश्किल
- बहुत ज्यादा थकान
- चक्कर आना या अचानक बेहोशी आ जाना
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