मानसून भीषण गर्मी से राहत के साथ बीमारी और संक्रमण की शक्ल में परेशानियां भी लेकर आता है. ऐसा मौसम में बदलाव और जल जमाव की समस्या के कारण होता है. विशेषज्ञ बरसात के मौसम में संक्रमण और बीमारी से बचाव के लिए हेल्दी फूड खाने की सलाह देते हैं. न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने संक्रमण की रोकथाम के लिए इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया है.


उसमें उन्होंने प्राकृतिक औषधीय जड़ी-बूटियों के इस्तेमाल करने की सलाह दी है. उन्होंने वीडियो का कैप्शन दिया, "मानसून संक्रमण और बीमारियों से जुड़ा होता है, ऐसा मौसम में बदलाव, नमी में गिरावट, जल जमाव, मच्छर का प्रजनन के कारण होता है. आप खुद की और अपने परिजनों की सुरक्षा किचन में पाई जानेवाली सामग्री से करें."


मानसून के लिए देसी इलाज
मुलेठी- जुकाम, गले की खराश के लिए मुलेठी सदियों पुरानी आयुर्वेदिक इलाज है. आप जड़ को पाउडर की शक्ल देने के लिए पीस सकते हैं या काढ़ा की तरह उबाल सकते हैं. इस तरह उसके इस्तेमाल से आपको और आपके परिजनों को बीमारी के खिलाफ सुरक्षा मिल सकती है. 


करक्यूमिन- करक्यूमिन प्राकृतिक एंटीबायोटिक है. ये चमकदार पीला केमिकल करकुमा लोंगा प्रजाति के पौधों से पैदा होता है. करक्यूमिन प्राकृतिक रूप से हल्दी में पाया जाता है. हल्दी के फायदे, रंग और खुशबू के पीछे करक्यूमिन नाम का कंपाउंड होता है. करक्यूमिन को हल्दी में सबसे एक्टिव सामग्री के तौर पर जाना जाता है. ये सूजन रोधी होता है. पूजा का सुझाव पहले प्राकृतिक करक्यूमिन के इस्तेमाल करने का है. 


लहसुन- खाली पेट सुबह में कच्चा लहसुन खाने के कई फायदे होते हैं. लहसुन सूजन रोधी, वायरल रोधी, फंगल रोधी और प्रोटोजोअल रोधी होता है. ये लगातार जुकाम और खांसी का सबसे अच्छा देसी इलाज है, ये बलगम बनने से शरीर को छुटकारा पाने में मदद करता है. लहसुन में एलीसिन एक्टिव कंपाउंड होता है जो काटने या कुचलने पर सक्रिय हो जाता है. 






न्यूट्रिशनिस्ट इससे पहले दूसरे पोस्ट में मानसून के दौरान हाइड्रेटेड रहने का महत्व स्पष्ट कर चुकी हैं. उनका कहना है कि नमी शरीर से बहुत पानी बहा देती है और इसलिए उन्होंने अपने इंस्टाग्राम फॉलोवर्स को बरसात में भी हाइड्रेटेड रहने के लिए जरूरी बताया. 


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