मॉनसून में होनेवाली बीमारियों के खिलाफ इस्तेमाल करें काढ़ा, जानिए बनाने का तरीका
राहत की शक्ल में आनेवाला मॉनसून अपने साथ संक्रमण और कई बीमारियों को साथ लाता है. आप इस दौरान काढ़ा के इस्तेमाल से अपनी इम्यूनिटी मजबूत कर सकते हैं. जानिए काढ़ा पीने से आपको और क्या-क्या फायदे होंगे.
मॉनसून चुभती गर्मी से राहत दिलाने के अलावा संक्रमण, फ्लू का जोखिम भी बढ़ाता है. इस समस्या से निपटने के लिए आपके इम्यूनिटी को बढ़ावा की जरूरत होती है. काढ़ा संक्रमण से लड़ने के लिए ऐसा ही एक निवारक उपाय है. ये आयुर्वेदिक देसी इलाज है जो मॉनसून में मौसमी संक्रमण और अन्य दूसरी बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है.
तुलसी और काली मिर्च से काढ़ा बनाने का तरीका
एक इंच छीला हुआ अदरक, 4-5 लौंग, एक चम्मच पिसी हुई काली मिर्च, 5-6 ताजा तुलसी के पत्ते, आधा चम्मच शहद, दो इंच दालचीनी लें. गहरे सॉस पैन में पानी को उबालें. जब पानी उबल रहा हो, तो अदरक, लौंग, काली मिर्च और दालचीनी को कुचलें. पानी उबालने के बाद सभी कुचली हुई सामग्रियों को तुलसी की पत्तियों के साथ सॉस पैन में डालें. करीब 20 मिनट तक मध्यम आंच पर पकाएं या जब तक मिश्रण आधा न रह जाए. उसके बाद आपका काढ़ा तैयार और शहद के साथ उसे गर्म इस्तेमाल करें.
तुलसी और काली मिर्च के काढ़ा का फायदा
शहद, अदरक और दालचीनी का इस्तेमाल आपकी इम्यूनिटी लेवल को अतिरिक्त सुरक्षा लेवल देता है. ये सामग्रियां अपने रोगाणुरोधी गुणों के कारण आपके पाचन नाल के लिए मुफीद हैं और डायबिटीज को काबू करने में भी मदद करती हैं. उसके एंटीऑक्सीडेंट गुण थकान से लड़ने में मदद करते हैं और ऊर्जा लेवल को बढ़ाते हैं. काढ़ा को कई जड़ी-बूटियों और मसालों के साथ बनाया जा सकता है. हल्दी भी उसमें शामिल करने के लिए शानदार है, क्योंकि उसका प्राकृतिक सूजन रोधी गुण जाहिर है.
तुलसी और काली मिर्च के स्वास्थ्य फायदे
काली मिर्च सदियों से स्वाद के लिए जाना जाता है. ये मसाला रोगाणु रोधी और सूजन रोधी गुणों से भरपूर होता है जो संक्रमण को दूर रखने में मदद करता है और घाव, सूजन के कारण होनेवाली असुविधा से राहत भी देता है. ये विटामिन सी से धनी होता है, जो स्वाभाविक रूप से इम्यूनिटी को बढ़ावा देता है और शानदार एंटीबॉयोटिक के तौर पर काम करता है.
दूसरी तरफ, तुलसी का इस्तेमाल व्यापक रूप से आयुर्वेद में औषधीय जड़ी-बूटी के तौर पर किया जाता है. ये तनाव को दूर करने में मदद करता है और ऊर्जा लेवल बढ़ाता है. तुलसी के एंटीऑक्सीडेंट, सूजन रोधी और बुढ़ापा रोधी गुण नुकसानदेह फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं. काढ़ा में शामिल करने के लिए ये मुनासिब जड़ी-बूटी है क्योंकि ये खांसी, जुकाम और गले की सूजन के इलाज में मदद करता है. तुलसी बलगम को गतिमान करता है और सांस संबंधी समस्याएं जैसे अस्थमा और ब्रोंकाइटिस से राहत देता है.
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