Fitness Gadgets Side effects:   स्लीप मॉनिटरिंग, स्ट्रैस मॉनिटरिंग और हार्ट बीट की 24X7 मॉनिटरिंग कई बार आपकी परेशानी को कम करने की बजाय बढ़ा सकती है. इन फिटनेस टूल्स का इस्तेमाल करें लेकिन अगर आपके वाइटल साइन थोड़े ऊपर नीचे होते हैं और आपको इससे टेंशन होती है तो इनको लिमिट में यूज करें. 


स्मार्ट वॉच देती हैं Nocebo इफेक्ट- नोसिबो इफेक्ट एक टर्म है जिसमें कई बार आपको कोई बात, घटना या सोच नेगेटिव असर डालती है. आपका बीपी थोड़ा ऊपर नीचे होता है लेकिन आपको पता नहीं चलता लेकिन अगर स्मार्ट वॉच से हर वक्त बीपी का अपडेट मिलेगा और कम या ज्यादा होने पर आप टेंशन में आते हैं तो ये नोसिबो इफेक्ट कहलाता है. 


हर वक्त ना पहनें स्मार्ट वॉच- कई रिसर्च में ये सामने आया है कि हर वक्त ब्लड में ऑक्सीजन की मॉनिटरिंग या हार्ट बीट की मॉनिटिरिंग स्ट्रैस और बढ़ा देती है. कई बार हार्ट बीट कम ज्यादा होती है लेकिन ये सब पता भी नहीं चलता लेकिन मॉनिटरिंग से इन बातों को आपको डेटा पता चलता रहता है.


खुद पहचानें अपना स्लीप पैटर्न- अगर आपको कहा जाये कि सुपरविजन में 8 घंटे सोना है तो शायद उतनी गहरी नींद ना आये जितनी सामान्य तौर पर आती है. उसी तरह अगर आप अपनी स्लीप को मॉनिटर करने के लिये स्मार्ट वॉच पहनकर सोयेंगे तो उतनी गहरी नींद ना आये. 


स्ट्रैस और ना बढ़े- अगर आप बीपी के पेशेंट नहीं भी है तो कई बार दिन में थोड़ा बहुत बीपी ऊपर नीचे हो जाता है लेकिन पता नहीं चलता तो कोई टेंशन नहीं रहती. लेकिन जरा सा बीपी कम ज्यादा होने पर नोटिफिकेशन आने लगे तो स्ट्रैस बढ़ने लगता है इसलिये हर वक्त बीपी मॉनिटर ना करें.


हार्ट बीट और ना बढ़ायें- स्मार्ट वॉच में भी हार्ट बीट की हर वक्त मॉनिटरिंग अच्छी बात नहीं. स्पोर्ट्स या किसी और एक्टिविटी में हार्ट बीट बढ़ जाती है तो उसका वॉच में नोटिफिकेशन आने लगता है जिससे तनाव और बढ़ जाता है. ये सभी गैजेट्स उन लोगों के लिये बेहतर हैं जिनको इन बातों से फर्क नहीं पड़ता लेकिन जरूरत से ज्यादा सेंसेटिव लोग अपने वाइटल साइन थोड़ा भी ऊपर नीचे होने पर परेशान होने लगते हैं तो इन गैजेट्स का कम इस्तेमाल करें.


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