रोजाना अधिक मात्रा में पानी पीने से मोटापे का कारण बननेवाला एक हार्मोन 'वैसोप्रेसिन' काबू में रहता है. जिसके नतीजे में मोटापा ّभी किसी हद तक नियंत्रित रहता है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने चूहों पर परीक्षण कर नतीजा निकाला है. ताजा रिसर्च को ऑनलाइन पत्रिका 'जेसीआई इनसाइट' में प्रकाशित किया गया है.
ज्यादा पानी पीने और मोटापे की बीच क्या है संबध?
इससे पहले कई रिसर्च में खुलासा हुआ है कि रोजाना ज्यादा पानी पीने से शारीरिक और मानसिक सेहत बेहतर होता है. एक बात ये भी सामने आई थी कि मोटापा कम करने में पानी की अतिरिक्त मात्रा की अहमियत होती है. शोधकर्ताओं का कहना है कि वैसोप्रेसिन हार्मोन का काम ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने से लेकर शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखना है. इसके अलावा शरीर में पानी की मात्रा ठीक लेवल पर रखने में भी अहम भूमिका निभाता है जबकि मोटापे और डायबिटीज के मरीजों में उसका अत्यधिक लेवल पाया गया है. शोधकर्ताओं ने बताया कि जिन चूहों को चंद दिनों तक रोजाना सादा पानी की ज्यादा मात्रा पिलाई गई, उनमें वैसोप्रेसिन की कार्य क्षमता कम रही. जिसके चलते उन चूहों में मेटाबोलिज्म के दौरान फैट संचय का प्रतिशत भी बेहतर हुआ.
'मोटापे का कारण बननेवाला हार्मोन काबू में रहता है'
उन्होंने कहा कि हालांकि उनका परीक्षण चूहों पर है लेकिन उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा पानी पीने के भी इसी तरह के असर इंसानों में देखने को मिल सकते हैं. इस सिलसिले में मानव परीक्षण शुरू कर दिया गया है. आपको बता दें कि एक व्यस्क इंसान के शरीर का 60 फीसद हिस्सा पानी होता है. नतीजे से पता चला कि अधिक मात्रा में पानी पीना मेटाबोलिक सिंड्रोम की रोकथाम या इलाज दोनों में मुफीद तरीका हो सकता है. मेटाबॉलिक सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें शरीर में कई प्रकार के रोग पैदा करने वाले कारक बढ़ जाते हैं. हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा और अनियंत्रित कोलेस्ट्रॉल इन चारों के संयुक्त रूप को मेटाबॉलिक सिंड्रोम कहते हैं.
अंजलि भाभी यानी नेहा मेहता ने 'तारक मेहता के उल्टा चश्मा' के सेट पर की वापसी? शूटिंग का वीडियो वायरल
IND vs AUS, Adelaide Test Result: टीम इंडिया की करारी हार, ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज में 1-0 से बढ़त बनाई