वेजिटेरियन बनाम नॉन वेजिटेरियन में से कौनसी डाइट है बेहतर, जानिए रिसर्च में क्या सामने आया
रिसर्च में पाया गया कि नॉन वेजिटेरियन की तुलना में वेजिटेरियन के पतला और कम मिलनसार होने की संभावना होती है. जितना कम किसी शख्स की डाइट में जानवर के प्रोडक्ट्स होंगे, उतना ही कम उसके शरीर का वजन और औसत बॉडी मास इंडेक्स कम होगा.
वेजिटेरियन बनाम नॉन वेजिटेरियन में ज्यादा स्वस्थ कौन होता है? ये बहस वर्षों से चली आ रही है और शोधकर्ता किसी सटीक निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सके हैं. कुछ रिसर्च में वेजिटेरियन डाइट और मांस खाने के फायदों का पचा चलता है. लेकिन, चाहे आप वेजिटेरियन हों या नॉन वेजिटेरियन, अच्छा है कि दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर समेत कई रोग के खतरे को कम करने के लिए ज्यादा फल और सब्जियां अपनी डाइट में शामिल करें. आहार विशेषज्ञों की सलाह है कि चंद किस्म की सब्जी और दो तरह का फल रोजाना खाना सेहत के लिए बढ़िया है. मांस भी आपके शरीर के लिए जरूरी प्रोटीन और कई विटामिन्स समेत मिनरल्स का शानदार स्रोत है. लेकिन अत्यधिक सेवन से दिल की बीमारी स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए वेजिटेरियन और नन वेजिटेरियन डाइट से जुड़ी कुछ बातों का ध्यान रखें. ये आपको खुद के लिए बेहतर डाइट के चुनाव में मदद करेंगे.
इस साल के यूरोपीयन कांग्रेस ऑन ओबसेटी में पेश किए शोध से खुलसा हुआ कि शाकाहारी के पास बीमारी का जैव चिह्न मांसाहारियों के मुकाबले ज्यादा स्वस्थ होता है. रिसर्च में 166,000 ब्रिटिश व्यस्कों को शामिल किया गया था. ग्लासगो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के आहार विकल्पों और उनके ब्लड समेत यूरीन बायोमार्कर की तुलना की जो डायबिटीज, दिल संबंधी बीमारी, कैंसर, लीवर, किडनी, हड्डी और जोड़ से संबंधित थे. उन्होंने पाया कि नॉन वेजिटेरियन की तुलना में, वेजिटेरियन में 13 बायोमार्कर के काफी कम लेवल थे. लेकिन उसी रिसर्च में ये भी पाया गया कि वेजिटेरियन में मुफीद बायोमार्कर का लेवल कम था. जिन लोगों ने लाल मांस, पोल्ट्री या मछली नहीं खाया, ब्लड में उनके फैट्स का लेवल स्पष्ट रूप से ज्यादा था.
वेजिटेरियन के मुकाबले नॉन वेजिटेरियन का बेहतर मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य
क्रिटिकल रीव्यूज इन फूड साइंस एंड न्यूट्रिशन में पिछले साल एक रिसर्च प्रकाशित हुआ था. उसमें पाया गया कि जो लोग मांस खाते हैं, उनके मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य वेजिटेरियन के मुकाबले ज्यादा अच्छे होते हैं. रिसर्च से पता चला कि वेजिटेरियन को डिप्रेशन, चिंता, खुद को नुकसान पहुंचाने की प्रवृत्ति का नॉन वेजिटेरियन के मुकाबले ज्यादा खतरा था. यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न इंडियाना के शोधकर्ताओं ने मांस का सेवन और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के बीच संबंध पर पूर्व के 18 रिसर्च की समीक्षा की गई.
नॉन वेजिटेरियन के मुकाबले वेजिटेरियन पतले और कम मिलनसार होते हैं
एक अन्य रिसर्च में पाया गया कि नॉन वेजिटेरियन की तुलना में वेजिटेरियन के पतला और कम मिलनसार होने की संभावना होती है. जितना कम किसी शख्स की डाइट में जानवर के प्रोडक्ट्स होंगे, उतना ही कम उसके शरीर का वजन और औसत बॉडी मास इंडेक्स कम होगा. न्यूट्रिशनेट्स पत्रिका में प्रकाशित रिसर्च से ये भी खुलासा हुआ कि किसी शख्स का आहार विकल्प और उसके व्यक्तित्व के बीच संबंध है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, जो लोग मुख्य रूप से प्लांट-आधारित फूड्स का इस्तेमाल करते हैं, उनके ज्यादा मिलनसार होने की संभावना होती है.
ज्यादा सब्जियां और कम मांस खाएं
मांस का अत्यधिक सेवन, विशेषकर रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट्स में फैट ज्यादा होता है, जिसका संबंध मोटापा, दिल की बीमारी, टाइप 2 डायबिटीज, खास कैंसर के खतरे और मौत से जुड़ता है. संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए प्लांट-आधारित फूड्स और कम मांस और पोल्ट्री वाली डाइट बेहतर होती है. मेडिटेरेनियन डाइट को दुनिया की सबसे स्वस्थ डाइट में से एक समझा जाता है. जो लोग इस डाइट का पालन करते हैं, वो अपने रेड मीट का सेवन सीमित करते हैं. इस डाइट को दिल की बीमारी रोकने और डायबिटीज नियंत्रण में मददगार जाना जाता है.
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