विटामिन डी पोषक कोरोना वायरस महामारी के समय अपने निहितार्थ के लिए पहले से ज्यादा चर्चा में है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सामान्य आबादी में विटामिन डी की कमी के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है क्योंकि लोग घरों पर रह रहे हैं और प्राकृतिक सूर्य की रोशनी से 'धूप विटामिन' हासिल नहीं कर पा रहे हैं.


कोविड-19 के 80 फीसदी मरीजों में विटामिन डी की कमी का खुलासा


वास्तव में, एक नए शोध से खुलासा हुआ है कि कोविड-19 के 80 फीसद से ज्यादा मरीज विटामिन डी की कमी से पीड़ित थे. शरीर के अंगों को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए विटामिन डी अहम होता है. पोषक तत्व की कमी से हड्डियां कमजोर, दिल का रोग, कम इम्यूनिटी और यहां तक कि सांस की समस्या भी होती है. शोध को दि जर्नल ऑफ क्लीनिकल एंडोक्रायनोलोजी एंड मेटाबोलिज्म में प्रकाशित किया गया है. जिससे पता चला कि स्पेन के एक अस्पताल में भर्ती 216 कोविड-19 के मरीजों की 80 फीसद तादाद में विटामिन डी की कमी थी. शोधकर्ताओं ने ये भी देखा कि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में विटामिन डी का लेवल ज्यादा कम था.


वैज्ञानिकों ने 216 मरीजों पर अध्ययन के बाद किया सनसनीखेज दावा


उनका कहना है कि न्यून विटामिन डी से कोविड-19 के मरीजों में हाइपरटेंशन और दिल का बीमारियों की व्यापकता, सीरम फेरिटिन और ट्रोपोनिन लेवल बढ़ा हुआ था. आपको बता दें कि हाइपरटेंशन का मुख्य कारण स्ट्रेस होता है. हाइपरटेंशन को ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या कहा जाता है. हाई ब्लड प्रेशर के वक्त धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है. हालांकि, उन्होंने विटामिन डी सांद्रता या विटामिन डी की कमी और बीमारी की गंभीरता के बीच कोई संबंध नहीं पाया. इससे पहले, प्लोस वन पत्रिका में प्रकाशित एक अन्य शोध से पता चला कि विटामिन डी की कमी कोविड-19 के मरीजों में ऑक्सीजन की आवश्यकता कम और इलाज की प्रक्रिया तेज कर सकती है.


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