क्या कभी आपने सोचा है हरे-भरे बाग, पहाड़ी इलाके या समुद्र किनारे चलना क्यों अच्छा लगता है? ऐसा इसलिए है क्योंकि आपकी निकटता प्रकृति के साथ होती है. कहा जाता है कि जितना करीब आप प्रकृति के साथ होंगे, उतना ही ज्यादा खुश और स्वस्थ होंगे. लेकिन, हमारी आधुनिक जीवन शैली इस तरह के संपर्क से अलग करती है.
सभी जीवित प्राणी अपना जुड़ाव जमीन के साथ रखते हैं. जमीन या साफ घास पर नंगे पांव टहलने की आदत आपको प्रकृति के साथ जोड़ने में मदद करती है. मगर इसका ये मतलब नहीं कि जमीन पर सोया जाए. वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि प्रकृति और इंसानों के बीच अलगाव शारीरिक शिथिलता और रोग का प्रमुख सहयोगी होता है.
ब्लड प्रेशर कम करता है
जमीन पर नंगे पांव टहलने से हमें ताजगी, शांति और सुरक्षा का एहसास मिलता है. इसलिए, उसका ब्लड प्रेशर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. प्राकृतिक चिकित्सा में ब्लड प्रेशर को सामान्य करने के लिए 10-15 मिनट पैदल चलने की सलाह दी जाती है.
सूजन और दर्द कम करता है
जमीन के पास खास विद्युत शक्ति होती है. ये जमीन पर नंगे पांव टहलनेवाले को महत्वपूर्ण बल देता है. विज्ञान के मुताबिक, नंगे पांव टहलने से पृथ्वी के निगेटिव आयन के अवशोषण में मदद मिलती है और सीधा शारीरिक संपर्क स्थापित होने की वजह से जमीन की सतह से इलेक्ट्रॉन की विशाल आपूर्ति होता है.
इम्यूनिटी, आंत के स्वास्थ्य को बढ़ाता है
खुद को मिट्टी और जमीन के संपर्क में लाने के फायदे हो सकते हैं क्योंकि जमीन में पाए जानेवाले शक्तिशाली सूक्ष्म जीव प्राकृतिक तरीके से इम्यूनिटी बनाने में मदद करते हैं. सूक्ष्म जीव हमारे शरीर में त्वचा और नाखुनों के जरिए दाखिल होते हैं. शरीर में पहुंचकर ये हमारे आंत की अच्छे बैक्टीरिया को खुराक मुहैया कराते हैं.
आंतों में उपस्थित माइक्रोफ्लोरा सूक्ष्मजीवी बैक्टीरिया के कारण बनती है और ये इम्यून सिस्टम को बढ़ाकर हमें ज्यादा मजबूत और ज्यादा स्वस्थ बनाता है. अगर आपके पास प्रकृति तक पहुंचने की सुविधा हो, तो आदत को अपनाएं वरना जब कभी मौका मिले ते एक बार जरूर नंगे पांव पैदल चलें.
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