(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Parenting Tips: बढ़ाना चाहते हैं बच्चे की कॉन्संट्रेशन पावर, तो आज से ही ये तरीका आजमाएं
अगर बच्चे की कॉन्संट्रेशन पावर कमजोर हो तो इससे उसे कई परेशानियां हो सकती हैं. अच्छी कॉन्संट्रेशन पावर बच्चे को सीखने और समझने में मदद करती है. जानिए आप अपने बच्चे की कॉन्संट्रेशन पावर कैसे बढ़ा सकते हैं.
पेरेंटिंग टिप्स: कॉन्संट्रेशन पावर अगर किसी व्यक्ति की अच्छी हो तो वह किसी भी तरह के व्यवहार में संयम और दिमाग से काम लेता है और इसका नतीजा शानदार होता है. वही, यदि ध्यान केन्द्रित करने में व्यक्ति को परेशानी होती है तो परिणाम संबंधित नहीं रहते हैं और कई परेशानियां होती हैं. बच्चों के लिए भी कॉन्संट्रेशन पावर अत्यधिक जबरदस्त है. अगर बच्चे की कंसंट्रेशन पावर अच्छी हो तो वह नई चीजें अच्छी से सीखता है और जो उसे आगे चलकर मदद करता है. पढ़ाई-लिखाई से लेकर सोशल लाइफ तक, एक अच्छा कॉन्संट्रेशन पावर चिल्ड्रन को कई तरह से फायदा पहुंचाता है. हालांकि आज टीवी और स्मार्टफोन के कारण बच्चों की कॉन्संट्रेशन पावर कम हो रही है. दरअसल, बच्चे के बचपन में चंचल तो होते ही हैं, अब इलेक्ट्रॉनिक दृष्टि से उनका दिमाग और चंचल हो गया है. कई बार हम ये देखते हैं कि बच्चा पढ़ाई करता बैठा होता है, लेकिन उसका ध्यान कहीं और होता है. कॉन्संट्रेशन पावर में सुधार ला सकते हैं.
ध्यान केंद्रित करने की क्षमता भी उम्र के होश से अलग-अलग होती है. 2 साल का बच्चा लगभग 4 से 6 मिनट के लिए एक काम पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम होता है, जबकि 6 साल का बच्चा 10 से 12 मिनट और 12 साल का बच्चा 25 से 35 मिनट के लिए किसी काम पर ध्यान केंद्रित कर पाता है. अगर आपका बच्चा बताता है कि समय से कम समय तक ध्यान केंद्रित कर पाता है तो घबराता नहीं है, सबसे पहले इसका कारण जाने कि ऐसा क्यों है. फैमिली साइकोथेरेपिस्ट सिदू अरियोयो ने बच्चों की कंसंट्रेशन पावर को मजबूत करने के कुछ तरीके बताए हैं.
स्पष्ट और सरल निर्देश दें
एडल्ट के रूप में हम बच्चों से कई तरह की बातें करते हैं लेकिन, बच्चा उसी तरह अच्छे तरीके से काम कर पाता है जब उसे सरल और स्पष्ट निर्देश दिया जाता है. बच्चे को बड़ी-बड़ी बातें बोलने के बजाय आसान शब्दों में समझाएं. अगर आप चाहते हैं कि बच्चे का कमरा साफ कर दें तो ये बोलने के बजाय आप अपने काम को छोटे-दामे हुए मकान में बांट दें जिससे बच्चा काम पर एफर्ट करेगा और उसे अच्छा से करेगा. बच्चे द्वारा बताए गए एफर्ट की उम्मीद भी जरूर करें. छोटे-दादा काम करने वाले बच्चे को एक स्थान पर ध्यान देने में मदद करते हैं जिससे उसकी एकाग्रता शक्ति बढ़ती है.
एक समय पर एक गतिविधि
समाज हमें ये संकेत देता है और हमें चाहिए और यही बात हम अपने बच्चे को भी बताने की कोशिश करते हैं. बच्चे पर 10 चीजें थोपने के बजाय ये देखें कि उसका मन किस काम में लग रहा है और किसे वह खुशी से कर सकता है. कई सारी धारणाओं से अच्छा है कि आप बच्चों के लिए एक से दो गतिविधियां करते हैं, फिर उनमें से वे इनमें से बड़े फोकस और मन को हटाने का काम करते हैं.
बच्चे के बीच में न टोके
यदि आपका बच्चा कोई काम कर रहा है तो उसके बीच में न टोके. फिर चाहे ये निभा रहे हों, सैर कर रहे हों या कुछ और. बार-बार टोकने से बच्चों के मन में बैठने लगता है और वो किसी भी गतिविधि पर ध्यान नहीं पाता.
ब्रेक
बच्चों को कुछ देर का ब्रेक देना भी जरूरी है. अगर आप सुबह उन्हें कुछ बातें समझा देंगे तो वे परेशान हो जाएंगे और किसी भी चीज को बेहतर समझ नहीं पाएंगे. ब्रेक लेने से बच्चा बताई गई बातों को सोचता है और उन पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करता है.
स्क्रीन टाइम
कोशिश करें कि आपका बच्चा दिनभर लैपटॉप, टीवी या स्मार्टफोन के साथ न चिपका रहे. क्योंकि ये ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को कम कर देता है। धीरे-धीरे स्क्रीन टाइम को कम करें और दूसरी फिजिकल एक्टिविटी के लिए उन्हें आगे बढ़ाएं.
सीखने की शैली को जाने
बच्चे की कंसंट्रेशन पावर बढ़ाना चाहते हैं तो माता-पिता को ये बात गौर करनी होगी कि आपका बच्चा किस तरह से बेहतर समझ रहा है। कई बार बच्चे स्कूल से बेहतर घर की बातों को समझ लेते हैं. इसलिए जरूरी है कि आप उनकी सीखने की शैली को समझें और उन्हें नई-नई संभावना प्रदान करें.
बच्चे 4 तरीके से चीजें समझते हैं-
-सुनकर
-देखकर
-शरीर के संचलन से किसी भी बात को भरें
-स्पर्श या महसूस करके सीखें जिसे टेक्टाइल सीखना भी कहा जाता है।
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