नई दिल्लीः क्या आप बिना एसी के लाइफ इमेजिन कर सकते हैं? बाहर के हॉट वैदर के बाद क्या आपको भी तुरंत एसी चाहिए होता है? अगर हां, तो आपको थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है. जी हां, आपको तुरंत ठंडक देने वाले एसी से कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
जी हां, एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि एसी के कई तरह के नेगेटिव इफेक्ट्स भी हैं. चलिए जानते हैं बहुत ज्यादा देर तक एसी में रहने से आपको किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं.
ड्राई स्किन- एसी में बहुत ज्यादा देर बैठने से स्किन का ड्राई होना आम बात है. ठंडे टेम्प्रेचर में स्किन क्रैक हो जाती है. अगर आपकी स्किन पहले से ही ड्राई रहती है तो आपको और अधिक दिक्कत हो सकती है. अगर आप चाहते हैं कि आपकी स्किन दिनभर सॉफ्ट रहे तो आप मॉश्चराइजर लगाते रहें.
रेस्पिरेटरी इश्यू- आप एसी की सर्विस कितनी बार करवाते हैं? क्या आप जानते हैं एसी में मौजूद डस्ट हवा में बैक्टीररिया फैलाते हैं. जब भी एसी ऑन होता हैं तो हवा पॉल्यूट हो जाती है. इस हवा में जब आप सांस लेते हैं तो बैक्टीरिया आपके अंदर जाते हैं. इससे आपको सांस-संबंधी दिक्क्तें हो सकती हैं. आप कफ-कोल्ड के शिकार हो सकते हैं. बच्चों को निमोनिया हो सकता है. इन सबसे बचने के लिए एसी की समय-समय पर सर्विस करवाते रहें.
इंफेक्शन का खतरा- हवा में मौजूद जर्म्स एसी में स्टोर हो जाते हैं. जब आप एसी ऑन करते हैं तो हवा में आते ही ये आपको हार्म पहुंचाते हैं. इससे आपको एसर बोर्न डिजीज हो सकती हैं. अगर आपके घर में कोई बीमार है तो इंफेक्शन का खतरा और बढ़ जाता है. ऐसे में जब भी एसी ऑन करें तो उसे अच्छी तरह से साफ कर लें और उस पर डस्ट ना जमने दें.
स्ट्रेस- एसी ऑन करने और बंद करके बाहर जाने के दौरान टेम्प्रेचर तेजी से चेंज होता है. अचानक ठंडा-गर्म होने से स्ट्रेस होने लगता है. आमतौर पर क्लाइमेट चेंज होने का भी इफेक्ट होता है तो सोचिए एसी का इफेक्ट बॉडी पर कितना होगा है. इससे अचानक स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है. बॉडी अचानक आए क्लाइमेट चेंज को बॉडीबर्दाश्त नहीं कर पाती. बॉडी अचानक इंबैलेंस हो जाती है. ऐसे में आप बाहर से आते ही तुरंत एसी ना चलाएं. कुछ देर बॉडी टेम्प्रेचर नॉमर्ल होने दें. साथ ही बहुत लो टेम्प्रेचर पर एसी ना चलाएं बल्कि एसी का टेम्प्रेचर धीरे-धीरे लो करें.
क्रोनिक डिजीज- अगर आप किसी क्रोनिक डिजीज जैसे अस्थमा, आर्थराइटिस, स्लिप डिस्क, फ्रोजन शोल्डर या गठिया जैसी बीमारी से गुजर रहे हैं तो एसी आपका बहुत बड़ा दुश्मन हो सकता है. एसी में बैठने से ऐसे लोगों की बीमारी और बढ़ जाती है. इन प्रॉब्लम्स के कारण ज्वॉइंट पेन बढ़ जाता है. अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में दिक्कतें होने लगती हैं.