White Saree In Marriage Tradition: अनेकता में एकता ही भारत की पहचान है. यहां कई तरह की संस्कृति और परंपराएं हैं जिनका लोग सदियों से पालन करते आ रहे हैं. देशभर में कई ऐसे गांव और कबीले मौजूद हैं जहां उनकी अपनी संस्कृति और परंपरा होती है. यहां की कबीलों में अलग-अलग नियम होते हैं  जिनका लोग पालन करते हैं. कई तो ऐसे गांव की है जहां शादी के रीति रिवाज भी बिल्कुल अलग होते हैं. यहां कई ऐसी रस्मे हैं जो सदियों से चली आ रही हैं.


ऐसे में आज हम आपको देश के एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां की शादी की एक परंपरा को सुनकर आप हैरान रह जाएंगे.  शादियों में अक्सर दुल्हन लाल या गुलाबी जोड़े में ही नजर आती है, पर मध्य प्रदेश के भीम डोंगरी गांव में परंपरा कुछ अलग है. यहां की दुल्हन आपको लाल नहीं बल्कि सफेद शादी के जोड़े में दिखाई देगी. वैसे तो सफेद रंग किसी भी शादी या पूजा में अक्सर पहनने की मनाही होती है. ऐसे में यह एक ऐसा गांव है जहां दुल्हन को सफेद साड़ी में विदा किया जाता है. चलिए जानते हैं ऐसा क्यों होता है.


कहां स्थित है यह गांव ?
यह गांव देश के दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश का  भीमडोंगरी गांव है. इस गांव में आदिवासी लोगों की संख्या अधिक है जहां पर ये हैरान कर देने वाली रस्म  देखने को मिलती है. इस गांव में विदाई के वक्त दुल्हन सफेद साड़ी पहनती है साथ ही शादी के घर में मौजूद सारे मेहमान भी सफेद कपड़े पहनते हैं.  


क्या है इस नियम के पीछे मान्यता?
इस गांव के ज्यादातर लोग गौंड़ी धर्म को मानते है. गौंड़ी धर्म में सफेद कपड़ों को पवित्र माना जाता है . इस कारण शादी के दिन यहां पर दुल्हन सफेद साड़ी का जोड़ा पहनती हैं. इसके अलावा गांव की महिलाएं किसी भी शुभ काम को करने के लिए सफेद साड़ी ही पहनती हैं. 


यहां के लोगों का मानना है कि अगर महिलाएं रंगीन कपड़े पहनेंगी या श्रृंगार करेंगी तो उन्हें शारीरिक कष्ट झेलने पडेंगे. उनका मानना है कि शादी के दौरान या किसी भी शुभ कार्य पर महिलाओं को सफेद साड़ी पहनना चाहिए. ऐसा करने से उसके घर में सुख शांति बनी रहती है.


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