Health Tips: Beauty Parlour में महिला के साथ हुआ दर्दनाक हादसा, डॉक्टर ने कहा- यह है 'ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम'
ब्यूटी पार्लर में महिला के साथ एक ऐसा हादसा हो गया जिसे देखकर महिला भी सदमे में पड़ गए. काफी घंटे के इलाज के बाद पता चला कि महिला को 'ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक' आया था. जानिए क्या है ये...
Beauty Parlour Stroke Syndrome: हैदराबाद से अजीबो गरीब मामला सामने आया है. जिसमें एक महिला को तब स्ट्रॉक आ गया जब ब्यूटी पार्लर की वर्कर उनका हेयर वॉश कर रही थीं. बाल वॉश करते समय महिला को चक्कर आने लगा, जिसके बाद उन्हें काफी उल्टी होने लगा. जब महिला को डॉक्टर के पास लेकर जाया गया तो डॉक्टर ने उनके लक्षण को देखते हुए बताया कि उन्हें 'ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम' है.
'ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक' क्या है?
महिला के लक्षणों को देखते हुए 'गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट' से इलाज कराया है. जब महिला में किसी भी तरह का सुधार नहीं दिखा तो न्यूरोलॉजिस्ट से दिखाया गया. न्यूरोलॉजिस्ट ने इलाज करने के लिए एमआरआई कराया गया. जिसमें महिला के 'ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक' सिंड्रोम की बीमारी का पता चला. एक्सपर्ट के मुताबिक जब महिला का हेयर वॉश करने के लिए वॉश बेसिन में गर्दन पीछे की तरफ झुकाया गया था तो गर्दन और सिर की नसों पर जोर पड़ने लगा. जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन की कमी होने लगी. 40-45 मिनट तक गर्दन को एक ही पोजिशन में रहने के कारण वर्टेब्रल आर्टिरी सिकुड़ जाती है और यही स्ट्रोक आने की वजह होती है.
महिला को स्ट्रॉक क्यों आया?
हैदराबाद स्थित न्यूरोलॉजिस्ट डॉ सुधीर कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस से खास बातचीत में बताया कि 10-20 प्रतिशत लोगों में एक तरफ की आर्टरी पतली हो जाती है इसलिए स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. न्यूरोलॉजिस्ट ने महिला में 'ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम' के लक्षणों की पहचान कर ली. और फिर अपने रिपोर्ट में बताया कि 'महिला ब्यूटी पार्लर' स्ट्रोक सिंड्रोम की बीमारी हैं. उन्हें ये स्ट्रॉक हेयर वॉश करते समय आया था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि हेयर वॉश करते समय ब्रेन के एक हिस्से में ऑक्सीजन ठीक से नहीं पहुंची. जिसके कारण स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
‘ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम’ के लक्षण क्या है?
चक्कर आना, उल्टी महसूस होना 'ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम’ के लक्षणों में शामिल है.
'ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम' का इलाज
डॉक्टर्स के मुताबिक स्ट्रोक वाले लोगों को हमेशा ब्लड थिनर चढ़ाने की सलाह दी जाती है. जिसमें खून के थक्के और ठीक से इलाज करने में मदद करती है. कुछ लोग स्ट्रोक के बाद अच्छी तरह से ठीक हो जाते हैं.
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