What Is Alkaline Diet: आजकल लोग अल्कलाइन वाटर से लेकर एल्कलाइन डाइट तक ले रहे हैं. इसमें आप ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करते हैं जो शरीर में एसिड (अम्ल) के निर्माण की जगह अल्कलाइन तत्व यानि क्षारीय तत्व पैदा करते हैं. इससे आपकी बॉडी का pH लेवल बैलेंस रहता है. कहा जाता है कि इस डाइट से कैंसर जैसे जानलेवा बीमारियों को दूर किया जा सकता है. आइये जानते हैं क्या है एल्कलाइन डाइट.
एल्कलाइन डाइट क्या है?
एल्कलाइन डाइट को एल्कलाइन एश डाइट भी कहते हैं. इस डाइट में ऐसी चीजें शामिल की जाती हैं जिनसे बॉडी का pH लेवल मेंटेन करने में मदद मिले. pH का मतलब होता है कि शरीर में एसिड और अल्कलाइन की मात्रा ठीक रहे. लेकिन कई बार मेटाबॉलिज्म ठीक से काम नहीं करता है और जिसकी वजह से ये केमिकल रिएक्शन काफी धीरे होता है. इस डाइट को लेने वाले लोगों का कहना है कि कई बार जो खाना नहीं पच पाता है वो शरीर के एसिड यानि एल्कलाइन पर असर डालता है. ऐसे में आपको एल्कलाइन डाइट लेनी चाहिए. इससे शरीर में एसिड का निर्माण कम होता है. एल्कलाइन डाइट में ज्यादातर ऐसे फल, नट्स, हरी पत्तेदार शामिल की जाती हैं जो एसिड नहीं बनाएं.
क्या होता है pH लेवल
अगर हम एल्कलाइन डाइट की बात कर रहे हैं तो आपको पता होना चाहिए कि ये pH लेवल क्या होता है. दरअसल, pH वो इकाई है, जो ये बताती है कि कौन सी चीज अल्कलाइन यानि क्षारीय है और कौन सी चीज एसिडिक यानि अम्लीय है.
क्या होनी चाहिए pH की रेंज
pH लेवल की रेंज 0–14 के बीच होती है
जिसकी रेंज 0.0–6.9 होती है वह एसिडिक है
जिसकी रेंज 7.0 है वो न्यूट्रल है
जिसकी रेंज 7.1–14.0 के बीच है वो अल्कलाइन या बेसिक है
अगर शरीर में पीएच लेवल बिगड़ जाता है तो बॉडी काफी एसिडिक हो जाती है. इससे शरीर में कई तरह की बीमारियां और कमजोरी होने लगती है. इससे उम्र तेज़ी से बढ़ती हुई दिखती है. डीमिनरलाइजेशन, थकान, कमजोरी, एन्ज़ाइम की गड़बड़ी होने लगती है. शरीर में सूजन और बॉडी में कई अंग डैमेज होने लगते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: Weight Loss: खाने का ये तरीका भी घटा सकता है वजन, जानिए कैसे