Ectopic Pregnancy Cause: एक मां बनने का सफर काफी खूबसूरत होता है. हालांकि ऐसा सबके लिए हो ये जरूरी नहीं है. कुछ महिलाओं को प्रेगनेंसी में कई तरह की मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं. कई बार गर्भावस्था के दौरान ऐसी समस्याएं हो जाती हैं जो खतरनाक होती हैं. अगर समय पर इनका इलाज न करवाया जाए तो स्थिति और भी गंभीर हो जाती है. ऐसी ही समस्याओं में से एक है एक्टोपिक प्रेग्नेंसी. आइये जानते हैं क्या है एक्टोपिक प्रेग्नेंसी.


एक्टोपिक प्रेग्नेंसी क्या है
एक्‍टोपिक प्रेग्‍नेंसी उसे कहते हैं जिसमें फर्टिलाइज एग गर्भाशय की जगह फैलोपियन ट्यूब, एब्‍डोमिनल कैविटी या गर्भाशय ग्रीवा में जुड़ जाता है. एक रिसर्च में कहा गया है कि करीब 50 में से 1 महिला को एक्‍टोपिक प्रेग्‍नेंसी होती है. जानते हैं आप कैसे पता करें कि आपकी प्रेगनेंसी एक्टोपिक तो नहीं है.


एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के लक्षण
1- जिन महिलाओं को एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होती है उनका पेट बहुत खराब रहता है.
2- एक्टोपिक प्रेगनेंसी में उल्टी बहुत आती हैं और ब्‍लीडिंग भी होती है.
3- इसमें पेल्विक हिस्‍से में काफी दर्द रहता है.
4- कुछ लोगों को पेट में तेज ऐंठन महसूस होती है.
5- एक्टोपिक प्रेगनेंसी में चक्‍कर आना और कमजोरी आम है.
6- इस दौरान आपको बहुत पसीना आते हैं और स्किन का रंग पीला पड़ने लगता है.
7- आपको कंधे, गर्दन या गुदा में दर्द हो सकता है.
8- कई बार इसमें बेहोशी भी छाने लगती है. 


एक्टोपिक प्रेग्नेंसी की वजह 



  • फैलोपियन ट्यूब में सूजन

  • किसी वजह से ट्यूब डैमेज होना

  • फर्टिलाइज एग के नॉर्मल विकास नहीं होना

  • हार्मोन्स का बैलेंस बिगड़ना

  • पेल्विक इंफ्लामेट्री डिजीज

  • लेट प्रेगनेंसी 

  • पेल्विक सर्जरी की वजह से स्‍कार टिश्‍यू होना

  • फर्टिलिटी की दवाएं या आईवीएफ


एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का क्या है इलाज 
एक्टोपिक प्रेगनेंसी को आसानी से पता लगाना मुश्किल होता है. अगर आपको इसके लक्षण नज़र आते हैं तभी डॉक्टर जांच करवाते हैं. इसका पता लगाने के लिए पेल्विक टेस्ट करवाया जाता है. इसके अलावा ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड और सोनोग्राफी के जरिए भी गर्भाशय की जांच की जाती है. अगर इस दौरान यूट्रेस में भ्रूण दिखाई न दे, तो इसे एक्टोपिक प्रेगनेंसी माना जाता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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